
TV24 के मालिक लाभ सिंह आहलुवालिया के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। ज्यादातर मामले फ्रॉड और अतिक्रमण के हैं। आरोप लगते रहे हैं कि काले कारनामों को छुपाने और सरकारों से गलबहियां बढ़ाने के लिए चैनल की शुरूआत की गई। आज भोपाल में दुनिया को नेताओं से नजदीकी दिखाने के लिए 'मंथन' कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ना केवल सीएम शिवराज सिंह पहुंचे, बल्कि उद्योग, वाणिज्य एवं खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को भी ले गए। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस तरह सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाभ सिंह आहलुवालिया के लिए सीएम हाउस के दरवाजे खोल दिए।
इससे पहले भी कुछ मीडिया माफियाओं से सीएम की नजदीकियां चर्चा में रहीं हैं। सवाल यह नहीं है कि मीडिया में काले कारोबारी कितने आ रहे हैं। सवाल तो यह है कि मीडिया के इन माफियाओं को सरकार किस तरह खुलेआम प्रोत्साहित कर रही है। क्या उम्मीद की जाए कि ऐसे मीडिया संस्थान कभी लोकतंत्र की रक्षा के पावन उद्देश्य से काम कर पाएंगे। मीडिया में माफिया पहले भी था और सरकारों से उसकी नजदीकियां भी थीं, परंतु सबकुछ गुपचुप चला करता था। सदियों से पत्रकारिता के तीन रंग रहे हैं, ब्लैक जर्नलिज्म, व्हाइट जर्नलिज्म और यलो जर्नलिज्म, लेकिन इस तरह खुलेमंच पर गलबहियां पहली बार हो रहीं हैं।