
मुस्लिम धर्म में ईद पर बकरे की कुर्बानी के विषय में शोएब सिद्दिकी बताते हैं कि "क़ुर्बानी" एक मक़द्दस फ़रीज़ा (अमल) जो अल्लाह की इबादत का एक हिस्सा है। मैं उन तमाम मुस्लिम नेताओं से गुज़ारिश करना चाहता हूँ, बेशक आपका "काबा" 10 जनपथ और 24 अकबर रोड हो सकता है, लेकिन मुसलमानों के इस मुक़द्दस त्योहार को मज़ाक बनाकर अपनी राजनेतिक रोटियां सेंकने से बाज़ आएं। मुस्लिम समाज आपकी इस ओछी हरकत को न बर्दाश्त करेगा और ना ही माफ़ होगी। आपकी पकड़ दुनियाँ और आख़िरत दोनों जगह तय है।
आप मुसलमान हैं और दींन की मालूमात से आप अनजान भी नही होंगे ऐसा मुझे यक़ीन है।
अपने आपको धर्म निरपेक्ष साबित करने के और भी कई तरीक़े हो सकते हैं, लेकिन आपके दिमाग़ में बात समझमे आजाना चाहिए की "क़ुर्बानी" जैसा अमल आपकी राजनिति का हिस्सा नहीं बन सकता।