टीकमगढ़। ककरवाहा प्राथमिक स्कूल में स्थित कुएं में डूबने से एक छात्र की मौत हो गई। इस मामले में डीपीसी ने स्कूल के सभी जिम्मेदार कर्मचारियों को पुलिस कार्रवाई से बचा लिया। एक मासूम की मौत हो गई लेकिन दोषियों के खिलाफ सामान्य विभागीय कार्रवाई की गई।
14 सितम्बर 2016 को ककरवाहा प्राथमिक शाला में कुएं में डूबने से कक्षा एक में पढ़ने वाले बच्चे अभिषेक विश्वकर्मा पिता देवेन्द्र विश्वकर्मा की मृत्यु हो गई थी। घटना के तुरंत बाद कलेक्टर प्रियंका दास ने जांच के निर्देश दिये थे।
डीपीसी हरिशचन्द्र दुबे ने बताया कि, जांच के दौरान पाया गया कि स्कूल में लंच के दौरान यह दु:खद घटना हुई। उन्होंने बताया कि इस घटना में शाला के प्रधानाचार्य सहित शिक्षकों की लापरवाही प्रमाणित होती है। स्कूल के हैडमासटर बाबूलाल देवलिया सहायक शिक्षक की 03 वेतन वृद्धियां रोकी गई हैं और सिराज खान सहायक अध्यापक को बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने पर निलंबित किया गया है। थोवन सिंह पटेल संविदा शिक्षक वर्ग-3, समीना खातून संविदा शिक्षक वर्ग-3, वर्षा साहू संविदा शिक्षक वर्ग-3, राजेन्द्र कुमार साहू संविदा शिक्षक वर्ग-3 तथा ज्योति चौरसिया संविदा शिक्षक वर्ग-3 की संविदा अवधि एक-एक वर्ष बढ़ा दी गई है।
कुल मिलाकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ सामान्य विभागीय कार्रवाई कर उन्हें पुलिस कार्रवाइ से बचा लिया गया। इतना ही नहीं मामले में मृत छात्र के परिजन विरोध ना करें इसलिए 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता घोषित कर दी गई। सवाल यह है कि जब प्राथमिक स्कूल के मैदान में खुला कुआं मौजूद था तो उसे पहले ही क्यों नहीं बंद करवा दिया गया। इस गंभीर लापरवाही के लिए डीईओ/डीपीसी दोनों को तत्काल सस्पेंड किया जाना चाहिए था एवं स्कूल स्टाफ के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होनी चाहिए थी। बताते चलें कि मप्र में शिक्षा विभाग कुछ कलेक्टरों की नियमित काली कमाई का जरिया बन गया है। इसी के चलते डीपीसी को मनमानी की खूली छूट दी जाती है।