
अधिकारी की पत्नी ने कहा कि पति ने सबसे पहले उसे तब यौन शोषण का शिकार बनाया जब वो 12 साल की थी। जब शिकायत की धमकी दी तो माफी मांग ली, कुछ समय सबकुछ सामान्य रहा। अब फिर अपनी बेटी का यौन शोषण करने लगा है। पत्नी की मानें तो काफी पहले ही उन्होंने पुलिस को अपने पति की करतूतों के बारे में जानकारी देकर इंसाफ की गुहार लगाई थी, लेकिन अब तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उन्होंने अपने पति के चाल-चलन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि घरेलु हिंसा के पूर्व में दर्ज मामलों के चलते ही पूर्व में राजस्थान सरकार उन्हें इस गरिमामयी पद पर नहीं बैठना चाहती थी, लेकिन वरिष्ठता के चलते सरकार को मजबूरी में ऐसा करना पड़ा।
पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस को उन्होंने पूरे पेपर दिये हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, उनकी बेटी ने भी अप्रैल में मेल करके हाईकोर्ट को पूरी जानकारी दी थी, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनकी बेटी ने ये आरोप अपने मेल के जरिये लगाया है।
दरअसल, 1979 बैच के अधिकारी इससे पहले उस वक्त सुर्खियों में आये थे, जब उनकी पत्नी ने अपने विवाह के करीब 33 साल बाद अपने ही पति पर दहेज प्रताड़ना और घरेलु हिंसा के संगीन आरोप लगाये थे, तब भी पुलिस ने यह मामला कोर्ट के निर्देश पर ही दर्ज किया था, लेकिन उनका रसूख ही कुछ इस कदर था कि मामले की जांच आगे नहीं बढ़ सकी।
इनका 1982 में विवाह हुआ था और दो वर्ष बाद उनके यहां एक पुत्री का जन्म हुआ था। पत्नी की मानें तो पुत्री के जन्म के बाद से ही पति और उनके परिवार ने उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। उनका दावा है कि उनके साथ मारपीट भी की गई और इसकी शिकायत भी पहले दर्ज कराई जा चुकी है।