मंडीदीप/भोपाल। नगर में एक मां को बेटे का इलाज झोलाछाप से कराना महंगा पड़ गया। झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने से बच्चे की मौत हो गई। मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है। आरोपी डॉक्टर फरार हो गया है। एसडीएम के आदेश पर बीएमओ ने क्लीनिक सील कर दिया है।
पुलिस के अनुसार नगर के वार्ड 18 कटीघाटी निवासी शैल देवी पत्नी राजवीर ने 8 वर्षीय बेटे लवकुश का पेट दर्द होने पर यहीं स्थित राय क्लीनिक के डॉ. ए. राय से शनिवार को इलाज कराया था। सोमवार तक दर्द ठीक न होने पर दोपहर तीन बजे फिर डॉ. राय को दिखाया। उसने जांचकर बच्चे को इंजेक्शन लगाया। इसके 10 मिनट बाद ही लवकुश को सांस लेने में परेशानी होने लगी।
तबीयत बिगड़ती देख शैल देवी उसे भोपाल हमीदिया अस्पताल ले जाना चाहती थी। लेकिन फोन लगाने के दो घंटे बाद भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची। इधर, इलाज के अभाव में लवकुश की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित लोग थाने पहुंचे, जहां टीआई मोहन पटेल की समझाईश पर शांत हुए। शैल देवी का आरोप है कि यदि बेटे को समय पर इलाज मिलता तो उसकी जान बच जाती।
जानकारी पर एसडीएम राजेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और उन्होंने बीएमओ केपी यादव को क्लीनिक सील करने के आदेश दिए। घटना के बाद से आरोपी डॉक्टर फरार हो गया। पिता राजवीर सिंह के रायपुर से आने के बाद मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम कराया जाएगा। राजवीर रायपुर की एक कंपनी में मजदूर है। उसके तीन बच्चे, पत्नी और मां कटीघाटी में रहते थे। इस संबंध में एसडीएम राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि क्लीनिक को सील करा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग को ऐसे झोलाछापों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने लोगों से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराने को कहा है।