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267 करोड़ का बेवजह खर्च
जिकित्सा कंपनी को जननी एक्सप्रेस संचालन का ठेका मिलने से कंपनी को तो बड़ा मुनाफा होगा लेकिन सरकार को 7 रुपए प्रति किलोमीटर के मान से प्रदेश भर में करीब 267 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करना होगा।
जानबूझ कर क्यों लुटाना चाहते हैं जनता का पैसा?
जननी एक्सप्रेस के संचालन के लिए शुरू की गई एकीकृत ठेका प्रणाली का विरोध करने वाले जननी एक्सप्रेस संचालक संघ ने कहा कि एक नवंबर से इस कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें सबसे बड़ी गड़बड़ी यह है कि जिलों में होने वाले अलग-अलग ठेकों में औसतन एक जननी एक्सप्रेस का एक किलोमीटर का खर्च दस रुपए था। अब यही काम नई फर्म 17 रुपए किलोमीटर से करेगी।
जिकित्सा हेल्थ केयर को लाभ पहुंचाने की ‘साजिश’
जननी एक्सप्रेस संचालक संघ ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्रकारों से चर्चा के दौरान संघ के अध्यक्ष गोविंदा गुप्ता ने आरोप लगाया है कि इस मामले में जिकित्सा हेल्थ केयर के संचालकों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, जो एक बड़े राजनीतिक दल से जुड़Þे हैं और फर्जी मीटरिंग कर लाभ कमाने के कारण सीबीआई जांच के दायरे में हैं। इनका कहना है कि केरल, राजस्थान की सरकारों ने जिसे काम नहीं दिया, उसे एमपी सरकार लाभ पहुंचाने का काम कर रही है।
राजधानी में 4 जननी संचालकों की सेवाएं समाप्त होने के डर से सरकार का नाम बदनाम करने के लिए इस तरह का कदम उठाया जा रहा है। जबकि ये भी 10 से लेकर 18 रुपए के बीच में गाड़ी चला रहे हैं।
मनीष सचान,
सीईओ, जिकित्सा हेल्थ केयर