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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अजाक्स की सभा में घोषणा की थी कि अजाक्स जिस तरह के वकील चाहेंगे, उसे हायर किया जाएगा। इसी के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने यह निर्णय लिया। यहां उल्लेखनीय है कि नामी वकीलों के अलावा मुकुल रोहतगी पहले से ही केस देख रहे हैं। इस बीच सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य सरकार की ओर से इस केस का ऑफिसर इनचार्ज (ओआईसी) पहले ही उप सचिव सामान्य प्रशासन केके कातिया को बना रखा है। इसके साथ ही अब एडीशनल ओआईसी सीटीई को बना दिया गया है। ताकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न हो।
प्रमोशन में आरक्षण के मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को प्रस्तावित है। इधर, सपाक्स के संरक्षक केएस तोमर ने कहा कि सरकार का रुख शुरू से खिलाफ रहा है। कमेटी में भी सवर्णों का प्रतिनिधित्व कम है। मुख्यमंत्री तो सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। अभी हमारी ओर से डॉ. राजीव धवन केस लड़ रहे हैं। जरूरत पड़ी तो हम भी नामी वकील करेंगे।