भोपाल। प्रदेश के करीब 15 हजार संविदा शिक्षकों को हर माह सात से 22 हजार रुपए तक का नुकसान हो रहा है। दरअसल, जुलाई-अगस्त में समयावधि पूरी होने के बाद भी इनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन नहीं किया जा रहा है। इस कारण इन कर्मचारियों को वह लाभ नहीं मिल रहे हैं, जो सरकार अध्यापकों को दे रही है।
ऐसे हालात 17 जिलों में हैं। संविदा शिक्षकों को वर्तमान में पांच, सात और नौ हजार रुपए प्रति माह वेतन मिल रहा है, जबकि अध्यापक बनने पर उन्हें 22 हजार, 28 हजार और 31 हजार रुपए तक वेतन मिलेगा।
इस हिसाब से देखें, तो इन कर्मचारियों को पिछले तीन माह से लगभग 22 हजार रुपए तक का नुकसान हो रहा है। संविदा शिक्षक संवर्ग के नेता स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों से डीईओ की शिकायत भी कर चुके हैं। लोक शिक्षण संचालनालय से डीईओ को संविलियन करने का निर्देश भी जा चुका है।
ये हैं नियम
वर्तमान में शिक्षक की नियुक्ति संविदा के रूप में होती है। वह तीन साल तक परीवीक्षा अवधि में रहता है। इस अवधि के पूरा होते ही जिला शिक्षा अधिकारी उनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन कर देते हैं। संविलियन होते ही इन कर्मचारियों को अध्यापकों के समान सुविधाएं मिलने लगती हैं।
डीईओ को जारी करना हैं आदेश
अध्यापक संवर्ग में संविलियन के आदेश जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को जारी करना है। प्रदेश के 34 जिलों के डीईओ ने आदेश जारी भी कर दिए हैं, लेकिन भोपाल, जबलपुर, रीवा, भिंड, मुरैना, रायसेन, विदिशा सहित 17 जिलों में अब तक संविलियन नहीं किया गया है।