
चौहान बताते हैं कि मध्यप्रदेश में पिछली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिटों की समीक्षा से पता चलता है कि 2012-14 के बीच 1 लाख, 96 हजार करोड़ रू. का निवेश आया है। यदि तीन लाख करोड़ रू. का कमिटमेंट करने के एवज में 1 लाख 96 हजार करोड़ रू. का निवेश ऐसे समय हुआ जब दुनिया मंदी का दंश भुगत रही थी, तो इसे अभूतपूर्व उपलब्धि ही माना जायेगा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कांग्रेसी दिग्गजों को आईना बताते हुए कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश के निवेशकों का गंतव्य बनने से प्रदेश के औद्योगिकरण पर गर्व करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस श्वेत पत्र की मांग करके छाती पीटने का स्वांग कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में मध्यप्रदेश को कांग्रेस ने उद्योगों का कब्रिस्तान बना दिया था। तब न बिजली थी और न पानी था। सड़कों की पहचान गड्ढों के रूप में हो चुकी थी। दिग्विजय सिंह के शासनकाल में 11965 कारखानों पर ताले लग गये थे और लाखों लोग बेरोजगार हो गये थे।