नितिन चौबे/दमोह। राजस्थान की ब्लैक लिस्टेड कम्पनी की दोगुनी दर पर मध्यप्रदेश में जननी एक्सप्रेस के संचालक का काम दिये जाने और मौजूदा जननी एक्सप्रेस से काम छीने जाने का विरोध अब तेज कर दिया गया हैं। जननी एक्सप्रेस में काले झंडे लगाकर गाडि़यो का संचालन कर रहे हैं। मांगे नही माने जाने पर संचालको द्वारा पूरे प्रदेश में 26 अक्टूबर 2016 को सायं 5 बजे से जननी एक्सप्रेस को बंद करने का ऐलान किया हैं। सं
घ ने नई व्यवस्था में बड़े घोटालों का भी आरोप लगाया हैं। जननी एक्सप्रेस संचालकों ने मुख्य सचिव स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के एमडी एवं एमएचओ को ज्ञापन सौंपा है, ज्ञापन में कहा गया हैं। कि एकीकृत के नाम पर व्यवस्थायें सुधारने का दावा किया गया हैं। जबकि इसके पूर्व में सेवायें जिला स्तर पर थी। कार्यशैली और नियम में कोई बदलाव नही किया गया हैं। जबकि कार्य की दर दुगनी कर दी गई हैं। यह जनता के पैसों का दुरूपयोग है और प्रदेश की जनता पर अनावश्यक बोझ डालने का प्रयास हैं।
वर्तमान में जननी और 108 के संचालन में जो राशि खर्च हो रही है उसमें 760 करोड़ रूपये अतिरिक्त भुगतान नई फर्म जिगित्सा कंपनी को किया जायेगा। यदि काम समान है तो राशि में करोड़ों रूपयों का अंतर क्यो आ रहा हैं। मध्यप्रदेश में यह काम राजस्थान की ब्लैक लिस्टेड कम्पनी जिगित्सा को दिया गया हैं। दूसरे राज्यों में जिगित्सा का काम ठीक नही हैं। मौजूदा जननी संचालक इसका विरोध कर रहे हैं एवं संघ ने चेतावानी दी हैं कि बुधवार सांय 5 बजे तक हमारी मांगे नही मानी जाती हैं तो दिनांक 26 अक्टूबर 2016 को सांय 5 बजे से जननी एक्सप्रेस का संचालन बंद कर दिया जायेगा। इस दौरान मरीजों को होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी सरकार या स्वास्थ्य विभाग की होगी एवं सरकार के घोटाले का पर्दाफास किया जाएगा।