भोपाल। अब आप कह सकते हैं कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिला रहीं हैं, मनमानी और लापरवाही के क्षेत्र में भी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। बात चल रही है भोपाल नगरनिगम की सिटी प्लानर सुनीता सिंह की। इनके पास बिल्डिंग परमिशन ब्रांच का चार्ज था। इनके खिलाफ 3 महीने में 60 शिकायतें जमा हुईं हैं। इससे पहले भी 168 एप्लिकेशन पेंडिंग होने के कारण 18 मार्च को उन्हें हटा दिया गया था परंतु नई कमिश्नर छवि भारद्वाज ने उन्हें तीसरी बार उसी कुर्सी पर बिठा दिया था, जहां से वो 2 बार हटाई जा चुकीं हैं।
सुनीता सिंह को शिकायतों के चलते तीसरी बार इस पद से हटाया गया है। पिछली बार पद से हटाने के एक महीने बाद 18 अप्रैल 2016 को निगम आयुक्त छवि भारद्वाज ने उन्हें फिर से सिटी प्लानर बना दिया था। सबसे पहले 2010 में तत्कालीन निगम कमिश्नर मनीष सिंह ने अनियमितताओं की शिकायतों के चलते उन्हें कार्यमुक्त किया था। इस बार भी उनके खिलाफ समय पर बिल्डिंग परमिशन जारी नहीं करने, आवेदन अटकाने और कंपाउंडिंग के काम में लापरवाही करने की शिकायतें हैं। जिसके बाद निगम प्रशासन ने उन्हें कार्यशैली सुधरने एक माह का समय दिया था।
शाम को बने आदेश के ड्राफ्ट में रात में हुआ बदलाव
सूत्रों के मुताबिक सुनीता सिंह को पद से हटाने का जो ड्राफ्ट शाम को तैयार किया गया, उसमें लिखा था उनके छुट्टी पर रहने के दौरान बिल्डिंग परमिशन शाखा का प्रभार सिटी इंजीनियर सलूजा को दिया जाता है। सुनीता सिंह के अवकाश से लौटने पर वे शाखा के प्रभार से कार्यमुक्त हो जाएंगे लेकिन रात में जो आदेश जारी हुआ उसके अनुसार सुनीता सिंह मुख्य सिटी प्लानर बिल्डिंग परमिशन शाखा और वैध-अवैध कॉलोनी प्रकोष्ठ के प्रभार से पूरी तरह मुक्त रहेंगी। इसका प्रभार सलूजा को दिया गया है। सलूजा हाउसिंग फॉर ऑल, राजीव आवास योजना, अमृत और मल्टी लेवल पार्किंग के भी प्रभारी बनाए गए हैं। सलूजा को झील संरक्षण प्रकोष्ठ के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।