सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में पुलिस का एक और खौफनाक चेहरा सामने आया है, हत्या के संदेही की पुलिस हिरासत में जमकर पिटाई की गई जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयीं इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने हंगामा कर दिया जिसके बाद आला अफसरों ने स्थिति को संभालते हुए सतना के रामनगर थाना टीआई आज़ाद खान को निलंबित कर दिया है।
दरअसल, 12 अक्टूबर को हत्या के मामले में रामसिया साकेत को रामनगर पुलिस थाने ले गये थे, छः दिनों तक थाने में बुरी तरह पीटा गया। परिजनों ने आरोप लगाय कि पुलिस की पिटाई से रामसिया की आतें फट गयीं, हालात बिगड़ने पर परिजनों ने पुलिस को पैसे देकर उसको छुड़ाया और अस्पताल में भर्ती कराया जहां हालात में सुधार न होने के चलते उसकी मौत हो गई।
दलित की मौत का मामला सामने आने के बाद रेगांव विधायक ऊषा चौधरी और अन्य दलित नेता जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उनकी पुलिसकर्मियों से जमकर बहस हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए सतना एसडीएम भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित पक्ष को 10 हजार की राहत राशि देते हुए उनके बयान लिए। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद देर शाम रामनगर थाना टीआई आज़ाद खान को निलंबित कर दिया है।
क्या था घटनाक्रम
रामनगर थाना क्षेत्र के हाहूर गांव से ससुर गणेशा कोल की हत्या में शामिल होने के शक में दामाद रामसिया साकेत को 12 अक्टूबर को रामनगर पुलिस थाने ले गयी थी, गणेशा की हत्या के आरोप में पहले ही गिरफ्तार कल्लू साकेत और पत्नी की निशानदेही पर मृतक रामसिया को हिरासत मे लिया गया था, अगर परिजनों की माने तो पुलिस की मारपीट और टार्चर करने से थाने में रामसिया की हालत खराब होने से परिजन टीआई आज़ाद खान को तीस हजार घूस देकर 18 अक्टूबर को छुड़ा लिया।
रामसिया का इलाज करने लगे जब हालात नाजुक होने लगी तो कल रात सतना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी, परिजनों ने रामनगर पुलिस और टीआई आज़ाद खान पर छः दिनों तक थाने में रखकर बेरहमी से मारपीट करने, तीस हजार घूस लेकर छोड़ने और पुलिस की मारपीट से घायल होकर मौत का सीधा आरोप लगाया। मौके पर पहुंची विधायक मामले को दलित से जोड़कर पुलिस की इस करतूत को विधानसभा में उठाने की बात कह रही है, भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे सतना एसडीएम ने मृतक का डॉक्टरों की टीम द्वारा पीएम कराने के बाद तथ्यों के आधार पर कार्यवाही करने की बात कहते हुये मृतक परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की जिसके बाद मामला शांत हुआ।