नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस नहीं मिलने से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर की मौत हो गई। सबसे दुखद बात यह रही कि प्रोफेसर को एंबुलेंस 6 घंटों में भी नहीं मिल सकी और फिर कागजी खानापूर्ति और लापरवाही की वजह से प्रोफसर की मौत हो गई।
प्रोफेसर डी मूर्ति को पेट में दर्द की शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज में एडमिट किया गया था। आनन-फानन में डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दिया। सोमवार सुबह प्रोफेसर की हालत बिगड़ गई जिसके बाद डॉक्टरों उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया।
लेकिन जेएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से छह घंटे तक एम्बुलेंस नहीं मिल सकी। नाजुक हालत में प्रोफेसर डी मूर्ति ने शाम को दम तोड़ दिया। प्रोफेसर डी मूर्ति तमिलनाडु के रहने वाले थे और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में माडर्न इंडियन लैंग्वेज डिपार्टमेंट के चेयरमैन थे।
मूर्ति कैंसर के मरीज थे। रविवार को उनकी एक सर्जिरी हुई थी। लेकिन मंगलवार 25 अक्टूबर को उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। यूनिवर्सिटी में मौजूद डॉक्टर ने उन्हें दिल्ली शिफ्ट करने की सलाह दी। अधिकारियों का आरोप है कि कागजी कार्यवाही के चलते एंबुलेंस का प्रबंध नहीं किया जा सका। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता एस पीरजादा ने कहा कि एक एंबुलेंस तक मुहैया नहीं करवाई जा सकी। हॉस्पिटल में आपसी समन्वय बिल्कुल नहीं है। उस वक्त फॉर्म भरवाने की जरूरत ही क्या थी?