
झारखंड पुलिस के आईजी एमएस भाटिया ने बताया कि करीब एक हजार आदिवासियों ने पुलिस के साथ मारपीट की है। 'आदिवासी आक्रोश मोर्चा' के ये लोग हथियारों से लैस थे। पुलिस का कहना है गांव वालों की भीड़ में नक्सली संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के नेता और हथियारों से लैस हार्डकोर सदस्य भी थे। मुरहू थाना क्षेत्र के साईको नामक जगह के पास ये आदिवासी धरना दे रहे थे। घूंटी पुलिस की टीम ने रोका तो गुस्साए आदिवासियों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया।
इसमें खूंटी के एएसपी ऑपरेशन अनुराग राज, डीएसपी हेडक्वार्टर विजय आनंद लागुनी, उनके बॉडीगार्ड और अड़की के थाना प्रभारी हरदेव प्रसाद को रस्सी से बांध दिया। उन्हें पीटते हुए जंगल ले जाने लगे। उनकी मदद के लिए अड़की थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ पहुंचे तो उग्र भीड़ ने उन्हें भी बंधक बना लिया। सूचना मिलने पर खूंटी के डीएसपी हेडक्वार्टर और क्विक रिस्पांस टीम के जवान मौके पर पहुंचे। भीड़ ने उनपर पथराव कर दिया।
बॉडीगार्ड को फरसा मारा, सिर पर गंभीर चोट
हमले में डीएसपी विजय आनंद के हाथ में फ्रैक्चर आया है। उनके बॉडीगार्ड नागेंद्र शर्मा के सिर पर फरसा लगने से गंभीर चोट आई है। इस घटना में सात पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पुलिस ने की जवाबी फायरिंग, 1 ग्रामीण की मौत
बाद में उग्र भीड़ ने एएसपी समेत पहले से बांध कर रखे गए पुलिसकर्मियों जानलेवा हमला करने की कोशिश की। पुलिस की ओर से की गई जवाबी फायरिंग में एक गांव वाले की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। सभी घायलों का रांची के रिम्स में इलाज चल रहा है।
गांववालों ने एसपी को रोका, बाजार बंद
घटना के बाद खूंटी में बाजार बंद है। खूंटी शहर में भी गांववालों ने जबरदस्त हंगामा किया है। साइको जाने के लिए निकले खूंटी के डिप्टी कमिश्नर और एसपी अनीश गुप्ता को ग्रामीणों ने नहीं जाने दिया। इस घटना के बाद इलाके में एक्स्ट्रा फोर्स लगाई गई है। रांची डीआईजी अपनी टीम के साथ मौके पर हैं।