भोपाल। महापौर आलोक शर्मा और टीटी नगर पुलिस के बीच हुए विवाद में पुलिस ने यह माहौल बनाने की कोशिश की थी कि महापौर ने थाने में आकर हंगामा किया। पुलिस कर्मचारियों को धमकाया और सत्ता की धौंस दिखाई। वो यहां 2 शराबियों को छुड़ाने आए थे। जबकि जांच में पाया गया है कि उन्होंने ना तो कोई धमकी दी और ना ही विवाद किया। उल्टा एक पुलिसकर्मी ने फोन पर उनसे 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग जरूर की थी।
मामले की जांच एएसपी राजेश सिंह चंदेल कर रहे हैं। थाने में मौजूद सीसीटीवी के 30 मिनट के फुटेज जांच में शामिल किए गए हैं। इस दौरान महापौर आलोक शर्मा किसी भी प्रकार की धमकी देते या विवाद करते नजर नहीं आ रहे हैं। अलबत्ता यह जरूर दिखाई दिया कि उनके जाने के बाद पुलिस ने दोनों शराबारियों को भी मुक्त कर दिया।
इस मामले में पुलिस ही कार्रवाई की जद में आ गई है। जांच में पाया गया है कि महापौर आलोक शर्मा ने जब थाने में फोन किया तो पुलिसवालों ने शराबियों को छोड़ने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। अब पुलिसकर्मियों का कहना है कि फोन पर महापौर ने अपना परिचय नहीं दिया था। सवाल यह है कि क्या टीटी नगर में इस तरह खुलेआम घूस मांगी जाती है। यदि आम नागरिक होता तो क्या बिना घूस के आरोपियों को छोड़ दिया जाता। सवाल यह भी है कि क्या टीटी नगर पुलिस घूस वसूली के लिए ही धरपकड़ करती है।
पुलिस के आला अधिकारी अब महापौर की ओर से लिखित शिकायत का इंतजार कर रहे हैं जबकि जांच में घूस के लिए धरपकड़ प्रमाणित हो गई है। तब क्यों ना जांच रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित पुलिस स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाए।