मोहन भागवत के चुनावी दरबार में सरकारी अधिकारी क्यों गए: हाईकोर्ट का नोटिस

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका जबलपुर में हुए महापौर पद के चुनाव के संदर्भ में है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने केन्द्र शासन के उपक्रम रेलवे, दूरसंचार और पीएफ आदि के आला अधिकारियों को मिलने के लिए बुलाया था। इसे मोहन भागवत का चुनावी दरबार कहा गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 

बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता डेमोक्रेटिक लायर्स फोरम के चेयरमैन ओपी यादव की ओर से अधिवक्ता रविन्द्र गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आरएसस प्रमुख द्वारा मेयर के इलेक्शन के दौरान शासकीय अधिकारियों को अपने दरबार में बुलाना विधिसम्मत नहीं था। लिहाजा, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 

पूर्व में हाईकोर्ट ने भागवत सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए थे, हालांकि कुछ समय बाद केस रीकॉल के जरिए नोटिस वापस ले लिए गए थे। इस लिहाज से बुधवार को नए सिरे से आवश्यक पक्षकार बनाए जाने पर बल दिए जाने से मामले में जाहिर तौर पर यूटर्न आ गया।

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