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पूर्व नेताप्रतिपक्ष एवं चुरहट विधायक अजय सिंह ने ललितपुर-सिंगरौली परियोजना की आधारशिला 1983 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व इन्दिरा गांधी व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री स्व अर्जुन सिंह के द्वारा सतना मे रखे जाने का दावा किया। उन्होंने अपने दावे को प्रमाणित करते हुए बताया कि इसका शिलालेख सतना में आज भी मौजूद है।
सीधी विधायक ने अपने स्वागत भाषण मे 1952 मे ही परियोजना के प्रस्ताव होने की बात कहकर वर्तमान सांसद के द्वारा लिये जा रहे श्रेय व चुरहट विधायक के दावे को नकार दिया। उनके भाषण को सुनकर रेल मत्री सुरेश प्रभू व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक तिलमिला उठे। बाद मे सांसद रीती पाठक ने श्रेय नही लेने व काम करने का दावा करके विधायक के आरोपों को नकार दिया।
असलियत यही है की ललितपुर सिंगरौली परियोजना 1983 मे प्रस्तावित होकर मंजूर कर ली गई थी लेकिन 1984 मे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो जाने के कारण परियोजना खटाई मे पड़ गई। जिसे पूर्व सांसद मोतीलाल सिंह के द्वारा पूर्व केन्द्रीय संचार मंत्री अर्जुन सिंह के दिशा निर्देशों पर 1992 मे फिर शुरू कर दी गई। परियोजना को बजटीय किया गया। सच यह है कि ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना की कल्पना और शुरूआत करने वाला कोई भी नेता अब जीवित नहीं है।