
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिसमें सबका सुख और सबका कल्याण हो वही लोकनीति है। लोक नीति ऐसी होना चाहिये जो इन लक्ष्यों की पूर्ति कर सके। मुख्यमंत्री श्री चौहान साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय द्वारा 'धर्म और राज व्यवस्था' पर तीन दिवसीय चौथे धर्म-धम्म सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 200 विद्वान भाग ले रहे हैं।
बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने हाल ही में भोपाल में हुए एक निजी कार्यक्रम में कहा था कि यदि कोई सरकार लोगों को मुफ्त में जीवन के लिए अनिवार्य वस्तुओं के अलावा कुछ और बांट रही है तो लोकप्रिय हो सकती है लेकिन लोकहितकारी नहीं। इस लाइन को शिवराज सिंह की 12 साल वाली सरकार की समीक्षा माना जा रहा है। कैलाश के बाद, कई अन्य बुद्धिजीवि नेताओं के बयान भी सामने आ चुके हैं। शिवराज सिंह ने अपनी फ्री वाली योजनाओं के समर्थन में बीते रोज भी एक बयान दिया था परंतु वो काफी नहीं रहा। अत: इस बार 'लोकहित' की परिभाषा समझाई गई है।