
पूजा मुहूर्त एक घंटे तक
करवाचौथ पूजा मुहूर्त - 8 बजे से 9 बजे तक
अवधि - 1 घंटा 16 मिनट
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय - 9.05 मिनट
चतुर्थी तिथि प्रारंभ -१८अक्टूबर को २२:४७ बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त -19 अक्टूबर को 7.32 बजे
ज्योतिषाचार्य डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि सुहागिनें हर साल अपने पति की लंबी उम्र की कामना में करवा चौथ का व्रत रखती हैं लेकिन इस बार करवाचौथ कुछ खास है करवाचौथ पर पूरे सौ साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार करवा चौथ का एक व्रत करने से 100 व्रतों का फल मिलेगा। करवा चौथ का त्यौहार इस बार बुधवार को मनाया जा रहा है। बुधवार को शुभ कार्तिक मास का रोहिणी नक्षत्र है। इस दिन चन्द्रमा अपने रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे इस दिन बुध अपनी कन्या राशि में रहेंगे इसी दिन गणेश चतुर्थी और कृष्ण जी की रोहिणी नक्षत्र भी है बुधवार गणेश जी और कृष्ण जी दोनों का दिन है। ये अद्भुत संयोग करवाचौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है। इस दिन पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख भी मिल सकता है।
करवा चौथ इसलिए बना खास
राजराजेश्वरी अंबामाता मंदिर के महंत भक्तानंद महाराज ने बताया कि जब पांडव वन-वन भटक रहे थे तो भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को इस दिव्य व्रत के बारे बताया था। इसी व्रत के प्रताप से द्रौपदी ने अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान पाया था। करवाचौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा पूजन से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख का वरदान मिलता है। विधि-विधान से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है। करवाचौथ की रात सौभाग्य प्राप्ति के प्रयोग का फल निश्चित ही मिलता है।