
श्री यादव ने कहा कि बीती रात भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए ऑन-लाईन प्रक्रिया अपनायी गई वह सरकार की सोची समझी एक साजिश थी, जिसमें कई बड़े लोगों सहित उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण प्राप्त (व्यापमं, डीमेट, पीएमटी घोटाला) पुराना रैकट शामिल होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। पूरी रात एडमिशन के लिए इंतजार करते रहे होनहार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया तथा वेबसाइट हैक होने का बहाना बनाकर अपनी मर्जी के एडमिशन कर लिये गये। उन्होंने कहा कि इससे यह साफ स्पष्ट होता है कि यह कोई साधारण हैकिंग की घटना नहीं थी, बल्कि इस हैकिंग की आड़ में बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है और प्रदेश के होनहार छात्रों का भविष्य एक बार फिर बर्बाद कर दिया गया है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश के होनहार नौजवान जहां व्यापमं महाघोटाले की आग से अभी तक झुलस रहे हैं, वहीं एक और ‘‘हैकिंग घोटाला’’ प्रदेश की शिवराज सरकार की नाकामी और शिक्षा-चिकित्सा माफिया को संरक्षण देने का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि एक ओर देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए डिजीटल इंडिया पर जोर दे रहे हैं, वहीं शिवराजसिंह की सरकार से एडमिशन प्रक्रिया तक नहीं संभाली जा रही है।
श्री यादव ने राज्य सरकार से मांग की है कि बीती रात वेबसाईट हैंकिग के दौरान हुए सभी 871 एडमिशनों को तुरंत निरस्त किया जाये और हैकिंग घोटाले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर इसकी निष्पक्षता से जांच करायी जाये। श्री यादव ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि यदि शीघ्र ही इसकी निष्पक्षता से जांच और होनहारों को उचित न्याय नहीं मिला तो कांग्रेस एक और नया आंदोलन छेड़ने के लिए बाध्य होगी।