राजेश शुक्ला/अनूपपुर। शहडोल संसदीय उप चुनाव मे कांग्रेस प्रत्याशी हिमाद्री सिंह के नामांकन के एक दिन बाद भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह जिस तरह से चुपके से अनूपपुर नामांकन के लिये, जिन कंधों पर सवार होकर पहुंचे, लोगो ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी राहु केतु के घेरे मे हैं।
अनूपपुर जिले की राजनीति मे सुपर फ्लाप जोड़ी में शुमार यह दोनो नेता नगरीय चुनाव हार, हरा कर विधायक रामलाल रोतेल के विरुद्ध जड खोदू गुटबाजी पैदा कर जिले की राजनीति को गर्त मे लेजाने के लिये जाने जाते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष, प्रभारी मंत्री को जेब मे रखने का दावा कर दुकानदारी भी खूब चलाई। अब चुनाव से ठीक पहले टिकट की खींच तान के बीच खुले आम पुष्पराजगढ के पूर्व विधायक सुदामा सिंह की पक्षकारी करने के बावजूद जब उन्हे टिकट नही मिली तो झटपट ज्ञानू अंकल के गले पड गये।
नामांकन प्रकिया से भाजपा संगठन अनजान था, यही कारण है कि भाजपा कार्यालय मे प्रदेश उपाध्याय, अन्य पदाधिकारी बैठे रह गये, मंत्री जी का काफिला निकल गया। कहने को तो दो नवम्बर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नन्दकुमार सिंह,सुहास भगत कई मंत्रियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति मे नामांकन भरा जाएगा लेकिन जिस हडबडी मे शुक्रवार को नामांकन डाला गया, लोग हतप्रभ दिखे। हद तो तब हो गई जब पत्रकारों द्वारा बी फार्म बावत पूछे गये प्रश्न के जवाब मे भाजपा प्रत्याशी ने सरासर झूठ बोलते हुए, बी फार्म जमा करने का दावा किया जबकि संबंधित प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि कोई बी फार्म जमा नही हुआ है।
जानकारों का मानना है कि जिस तरह से पार्टी नेताओं के आचरण से नाराज सुदामा सिंह व उनके समर्थकों ने नेताओं व पार्टी पदाधिकारियों से बात न कर दूरी बढा ली है, पार्टी को भारी पड सकता है। अन्दरुनी सूत्र अनूपपुर-कोतमा के प्रभारी मंत्री संजय पाठक की नाराजगी का जिक्र भी कर रहे हैं। शहडोल संसदीय चुनाव के बीच अचानक पाठक अनूपपुर से दूरी बना चुके हैं।
इसके पीछे छिपे कारणों मे उनकी तेज तर्रार कार्यशैली, कलेक्टर अजय शर्मा का स्थानान्तरण, जिले के नेताओं की घटिया कार्यशैली को बडा कारण माना जा रहा है। भाजपा से दूरी बना रहे ब्राह्मण मतदाताओं के लिये यह बेहतर संकेत नही माना जा रहा। मतदान 19 नवम्बर को है,देखना है ऊंट तब तक किस करवट बैठता है।