
सेना के कुछ सेवारत और रिटायर्ड अधिकारियों ने बताया कि सेना एक 'गैर राजनीतिक और धर्मनिरपेक्ष और संगठन है और राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इसके नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
उत्तरी कमांड के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल ने कहा कि सेना कल्याण कोष के लिए भीख नहीं मांगती है। अगर कोई फिल्म निर्माता सेना कल्याण कोष में योगदान देना चाहता है तो वह अन्य भारतीय नागरिकों की तरह दे सकता है। लेकिन इस तरह से लिये पैसों को सेना स्वीकार नहीं करेगी। जसवाल ने ये भी कहा कि अगर मामला संवेदनशील है तो इस पर अंतिम फैसला सरकार को लेना चाहिए। इस मामले से सेना को दूर रखना चाहिए।