भोपाल। कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने अरुण यादव को आजाद तो कर दिया लेकिन शर्त लगा दी कि उन्हें कच्चे सूत पर पैदल चलकर 2 पहाड़ों के बीच की दूरी पार करनी पड़ेगी। यहां बात नेताप्रतिपक्ष के चुनाव की हो रही है। अरुण यादव, इस मामले कुछ और ही सोचकर दिल्ली गए थे लेकिन राहुल गांधी ने जल्दबाजी में कह दिया कि नेताप्रतिपक्ष के नाम का चुनाव करने के लिए आप स्वतंत्र हैं परंतु नाम सबकी सहमति से तय करना।
श्री सत्यदेव कटारे के निधन के बाद से नेता प्रतिपक्ष के पद पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की नजरें जमी हुई है। पद पर अपने पक्ष के व्यक्ति को बैठने के लिए सभी दिग्गज अपनी अपनी तैयारियां कर रहे हैं। जैसा कि हमेशा होता है। नेतागण अपने अपने नाम दिल्ली तक पहुंचा रहे हैं लेकिन राहुल गांधी ने इस पूरे मामले में नया टर्न डाल दिया।
राहुल का कहना है कि वो मप्र में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर किसी भी प्रकार का हस्ताक्षेप नहीं करना चाहते है। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के सामने राहुल ने स्पष्ट कर दिया कि वे नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, पर जिसका भी चयन हो, उसके नाम पर सभी की सहमति जरूर बनाएं। बस इसी आखरी लाइन में टंटा हो गया। मप्र कांग्रेस में सभी की सहमति...?