
डॉ बीसी गुप्ता की अध्यक्षता में आयोग ने NITISHREE INFRASTRUCTURE LIMITED को एक ग्राहक को समय पर घर नहीं देने और न ही निश्चित समय में पैसा लौटाने पर कंपनी के महाप्रबंधक और डायरेक्टर की गिरफ्तारी के आदेश के साथ ही इसका रास्ता खोल दिया है। ग्राहकों को एक निश्चित समय में घर देने का वादा कर बिल्डर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं। मगर, वो ग्राहकों को न तो समय पर घर देते हैं और आसानी से उनका पैसा भी नहीं लौटाते हैं। इससे ग्राहकों पर दोहरी मार पड़ती है।
कारण एक ओर उन्हें BANK की EMI देनी पड़ती है और दूसरी ओर उन्हें रहने के लिए किराया भी देना होता है। पीठ ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 25 और धारा 27 का हवाला दिया। यह धारा जिला उपभोक्ता फोरम, राज्य उपभोक्ता आयोग के साथ ही एनसीसी को सशक्त बनाती है।
इस धारा के तहत बकाएदारों की संपत्तियों की कुर्की के आदेश, या उनकी गिरफ्तारी के लिए एक न्यायिक मजिस्ट्रेट की तरह अपनी शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं। आदेश का पालन करने में नाकाम रहने वाले व्यक्ति को धारा 27 के तहत उपभोक्ता फोरम तीन साल की जेल की सजा दे सकती है।