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यह था मामला...
जानकारी के अनुसार सीहोर के सिद्दीकगंज में रहने वाली रजनी (बदला हुआ नाम) के बेटे राहुल की शादी तीन साल पहले भोपाल की रहने वाली संध्या से हुई थी। शादी के दो साल बाद संध्या अचानक घर से गायब हो गई। इस पर ससुराल पक्ष के लोगों ने संध्या के गायब होने की रिपोर्ट सिद्दीकगंज थाने में दर्ज कराई थी। एक दिन अचानक सीहोर पुलिस संध्या के ससुराल पक्ष के सभी लोगों को उठाकर थाने ले आई। इनमें संध्या की सास रजनी, पति राहुल और ससुर के अलावा चार नाबालिग बच्चे भी शामिल थे। जानकारी करने पर पता चला कि संध्या के भाई ने राहुल एवं उसके परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया है। इस पर पीड़ित परिवार ने भी कानून का सहारा लिया और एक वकील किया।
थाने में रोंगेटे खड़े कर देने वाली प्रताड़ना
पीड़ित परिवार के वकील वीरेंद्र परमार ने बताया कि पुलिस ने राहुल और उसके परिजनों के साथ 15 दिनों तक मारपीट की और उन्हें संध्या की हत्या का जुर्म कबूल करने के लिए कहते रहे। जब परिवार के सदस्यों ने जुर्म कबूल नहीं किया तो पुलिस ने राहुल को मां रजनी की पेशाब पिलाई और दोनों को थाने में संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। जबकि, लापता संध्या को भोपाल में ही ढूंढ लिया गया है। वो जिंदा है।
पीड़ित परिवार का दर्द
पीड़ित परिवार की महिला ने बताया कि हम सब कहते रहे कि हमने कत्ल नहीं किया है। लेकिन, पुलिस वाले हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थे। मेरे पूरे परिवार को बुरी तरह से मारा। एक पुलिस वाले में मेरे बेटे को पेशाब पिलाया और मेरे साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। मेरे चार छोटे बच्चों के सामने थाने में हम सभी के साथ मारपीट की गई एवं गंदी-गंदी गालियां दी गई। हमें इंसाफ चाहिए, इसके लिए हमने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सीएम ने भी मदद नहीं की
पीड़ित परिवार के वकील वीरेंदर परमार का कहना है कि उन्होंने आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान, पुलिस डीजीपी और होम मिनिस्टर के आगे भी गुहार लगाई है लेकिन, किसी की तरफ से अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।