
27 अक्टूबर को मुख्य सचिव को कोर्ट ने तलब कर पूछा है कि क्यों न प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए संविधान के अनुच्छेद-356 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपाल को अनुशंसा कर दी जाए। मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एपी साही और जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने कहा, कि ‘प्रतीत होता है कि नौकरशाह सरकार के काबू में नहीं हैं।
बेंच ने कहा कि अफसर केवल कागजी खानापूरी और चिट्ठी पत्री पेश करने में मशगूल हैं। आम नागरिकों की डेंगू से होनी वाली मौतों को रोकने के लिए कोई कवायद नहीं की जा रही है। वहीं सरकार की ओर से पेश हलफनामे को पढ़कर कोर्ट ने कहा कि सरकार तो अपने ही तर्क में फंस रही है। आखिर बार-बार आदेश जारी करने के बावजूद नौकरशाह कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं।