भोपाल। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने आरोप लगाया था कि पीएससी के चेयरमैन पद पर एके पांडे की नियुक्ति राजनैतिक है। उस समय इस आरोप का खंडन भी हुआ था परंतु बीते रोज यह आरोप प्रमाणित हो गया जब एके पांडे मध्यभारत प्रांत के सह संघ चालक के रूप में मीडिया से मुखातिब हुए। वो बालाघाट में आरएसएस प्रचारक की मारपीट मामले में सरकारी कार्रवाई को नाकाफी बता रहे थे।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर अशोक कुमार पांडे की नियुक्ति के बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया था कि उनकी नियुक्ति योग्यता नहीं बल्कि राजनीति के दवाब में हुई है। वो संघ के कार्यकर्ता हैं। न्यायिक सेवा में रहते उनकी सीआर ‘सी” श्रेणी की थी और कोर्ट ने उन्हें रिटर्न मेमो दिया था। इसके बाद भी उन्हें पीएससी का अध्यक्ष बना दिया गया। उनके रहते निष्पक्ष परीक्षा नहीं हो सकती।
तत्समय अजय दुबे का यह आरोप खारिज कर दिया गया था परंतु बीते रोज जब एके पांडे मीडिया के सामने बतौर सह संघ चालक उपस्थित हुए तो माना जा सकता है कि अजय दुबे का आरोप प्रमाणित हो गया। अब यह भी नहीं कहा जा सकता कि 2015 में पीएससी में अपना कार्यकाल पूर्ण होने के बाद एके पांडे ने आरएसएस ज्वाइन किया है। क्योंकि मात्र 1 साल में सह संघ चालक जैसा पद आरएसएस में किसी भी दिग्गज को नहीं मिलता। इसके लिए तो वर्षों तक निष्ठा का प्रदर्शन करना पड़ता है।