भोपाल। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की दादागिरी लगातार जारी है। परिजन यदि हाथ जोड़कर खड़े ना हों तब भी डॉक्टर तुनक जाते हैं। फिलहाल मामला गुना से आ रहा है। यहां प्रसव के लिए आई एक गर्भवती महिला को डॉक्टरों ने प्रसव से पहले ही भगा दिया। लौटते समय बस में प्रसव हो गया। अब मानवाधिकार आयोग ने सीएमएचओ को नोटिस जारी किया है।
आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक सीएमएचओ गुना से पूछा गया है कि महिला प्रसव के लिए जिला अस्पताल में कब भर्ती हुई थी। उसे बिना प्रसव हुए मैटरनिटी वार्ड से किसके कहने पर डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज करने के पूर्व क्या महिला की जांच की गई थी या नहीं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा उसके खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की गई?
गौरतलब है कि साडा कॉलोनी राधोगढ़ निवासी पूजा बाई पत्नी अशोक सेहरिया को उसके परिजनों द्वारा जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। रात को प्रसव नहीं होने पर गत मंगलवार सुबह मैटरनिटी में तैनात स्टाफ ने लापरवाही बरतते हुए उसे डिस्चार्ज कर दिया। महिला जब अपने परिजनों के साथ बस से घर लौट रही थी तो बस में प्रसव हो गया।