भोपाल। केनरा बैंक की बैरसिया शाखा में खुला खेल है। आपको यदि लोन चाहिए तो 10 प्रतिशत रिश्वत चुकानी होगी। रिश्वत की रकम ब्रांच मैनेजर समेत तमाम जिम्मेदार अधिकारियों के बीच बंटती है। यह आॅफीसियल लेनदेन है। खुलासा तब हुआ जब लोकायुक्त ने फील्ड ऑफिसर मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार किया। वो ब्रांच मैनेजर के कहने पर रिश्वत की पहली किश्त वसूलने आया था।
बैरसिया निवासी राजेंद्र बघेल किसान हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई धर्मेंद्र बघेल के नाम से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत करीब छह महीने पहले लोन के लिए आवेदन किया था। दस लाख रुपए का लोन प्रकरण बैरसिया स्थित केनरा बैंक पहुंचा था। डीएसपी लोकायुक्त एनएस राठौर के मुताबिक बैंक मैनेजर ने लोन पास करने के लिए राजेंद्र से एक लाख रुपए की मांग की थी। रकम न देने पर लोन मंजूर नहीं हो पा रहा था। मजबूरन राजेंद्र ने रिश्वत देने के लिए हामी भर दी। पहली किश्त देने से पहले राजेंद्र ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी।
योजना के अनुसार राजेंद्र पहली किश्त के रूप में दस हजार रुपए देने बैरसिया पहुंचे। मैनेजर ने रिश्वत की रकम लेने के लिए बैंक के एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर मोहम्मद शारिक को भेजा। रेंज चौराहे पर राजेंद्र ने जैसे ही शारिक को रिश्वत की रकम थमाई, वहां पहले से मौजूद टीम ने उन्हें धर दबोचा। मामले में लोकयुक्त पुलिस ने शारिक समेत बैंक मैनेजर को भी भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में आरोपी बनाया है।