
पुलिस द्वारा जब्त कार्ड में खुलासा हुआ है कि इंदौर लोहा व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारी अमीर इंजीनियरवाला, अतुल डागरिया, मोहम्मद पीठावाला और अनिल डागरिया सहित कई लोहा व्यापारी सीसीआरओ में बड़े पदों पर काबिज हो गए थे। पीठावाला ने तो नियुक्ति की खबर छपवाई और पार्टी भी दी। सैकड़ों लोगों को बुलाकर स्वागत करवाया। एसयूवी कार की नंबर प्लेट पुलिस जैसी बनवा ली। कार में हूटर लगवा लिया। लोगों से मिलने-जुलने का अंदाज भी पुलिस अफसरों जैसा हो गया। उन्होंने जल्द लालबत्ती लगाने की घोषणा भी कर दी।
भाई सहित बन गए अफसर
लोहा व्यापारी अतुल और उनके भाई अनिल भी पदाधिकारी हैं। उन्होंने भी पीठावाला के जलवे देखकर 25 हजार रुपए में स्टेट सेक्रेटरी का पद लिया था, जबकि भाई को वाइस प्रेसीडेंट बनवा दिया। अतुल के मुताबिक करीब तीन महीने पूर्व देहरादून कार्यालय से नवीन नामक पदाधिकारी आया था। उसने चंदन नगर स्थित स्कूल में मुझे गेस्ट बनाया था। यहां बच्चों के बीच किताबें बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने बताया संगठन अपराधों पर रिसर्च करता है। बच्चे व्हाइटनर, नाइट्रावेट का नशा करते हैं। इससे अपराध की शुरुआत होती है। इसी बिंदु पर हमें रिसर्च करने का झांसा दिया था। बाद में खुलासा हुआ आरोपी लोगों को ठग रहे थे।
बड़े घरानों की महिलाएं भी बनीं 'पुलिसवाली'
पुलिस ने ट्विंकल और मुस्कान खान का भी कार्ड जब्त किया है। मुस्कान एबी रोड स्थित एक मॉल में रीयल इस्टेट कंपनी से जुड़ी है। उसने बताया कारोबारी अनिल जैन ने प्रदीप और जाकिर को एक कार्यक्रम में गेस्ट बनाया था। इस दौरान उसने भाषण दिए और उपस्थित महिलाओं को संगठन में जोड़ लिया। पलसीकर कॉलोनी निवासी रूबी सलूजा ने सीमा, ट्विंकल सहित कई महिलाओं को जोड़ लिया। उसने भी संगठन को पुलिस के समानांतर बताया और खुद को अफसर बताने लगी।
ऑफिस में मिला अफसरों का पोस्टिंग बोर्ड
आरोपी ने पुलिस अफसरों की तर्ज पर संगठन के पदाधिकारियों का बोर्ड लगा रखा था, जिसमें नाम और उसका पद लिखा हुआ था। आरोपियों के परिजन के मुताबिक पुलिस कार्रवाई में भेदभाव कर रही है। बड़े लोगों को मुलजिम नहीं बनाया जा रहा। एएसपी रूपेश द्विवेदी के मुताबिक वे केस की समीक्षा नहीं कर पाए थे। जांच के मुताबिक मामले से संबंधित लोगों को आरोपी बनाया जाएगा।