
नरेंद्र के पास से फर्जी आई कार्ड औऱ कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। लोगों पर अपना प्रभाव जमाने के लिए नरेंद्र एक नकली पिस्टल भी रखता था जिसे वो सरकारी पिस्टल बताता था। नरेंद्र ने करीब दस लाख रुपए ठगे है, इन पैसे से वो विदेशों की सैर भी कर चुका है।
सूट-बूट और कमर में लगी पिस्टल, गाडी देखकर हर कोई नरेंद्र सिंह गुर्जर को बड़ा अफसर समझता था। ग्वालियर के घासमंडी इलाके में जब कभी भी नरेंद्र आता तो लोग उसका बड़ा सम्मान करते थे।
बिहार का एसडीएम बताता था खुद को
दरअसल, लोगों को नरेंद्र जो कहानी बताता उसके मुताबिक वो बिहार के सीवान में एसडीएम है। शनिवार तड़के जब मुरार पुलिस की टीम घासमंडी स्थित नरेंद्र के घर पहुंची तो न सिर्फ उसके घरवाले बल्कि पड़ौस के लोग भी ये समझ रहे थे कि शायद नरेंद्र जैसे अफसर से मुलाकात के लिए पुलिस पहुंची है, लेकिन जब पुलिस वाले नरेंद्र को दबोचकर ले गए तो सब हैरान रह गए, लोगों के सामने नरेंद्र की सारी झूठी कहानी आ गई।
50 हजार से 1 लाख प्रति कैंडिडेट ठगी
ग्वालियर के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने मुरार पुलिस को शिकायत की थी कि घासमंडी में रहने वाला युवक नरेंद्र सिंह खुद को बिहार का एसडीएम बताकर ठगी करता है। वह लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर पचास हजार से एक लाख रुपए तक की रकम वसूल करता है।
आईएएस प्री-एग्जाम पास कर चुका है
नरेंद्र बीएससी बायो टेक का स्टूडेंट है उसने बताया कि साल 2014 में उसने आईएएस की प्री-परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन मेन्स में फेल हो गया था। इसके बाद उसने मेहनत करने की बजाए फर्जी अफसर बनने का रास्ता चुना जिसके चलते आज वो सलाखों के पीछे पहुंच गया है।