
मुहर्रम की रात में पेटलावद में हुए दंगों के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। दोनों तरफ से करीब 400 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस की इस कार्यवाही को आरएसएस ने एक तरफा बताते हुए जांच की मांग की थी। इस मांग पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने खरगौन सांसद सुभाष पटेल और मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का कहा था।
दोनों सांसद रविवार को झाबुआ पहुंचे। सुधीर गुप्ता पेटवावद गए, जहां पर उन्होंने सौ से अधिक लोगों से बात की। वहीं सुभाष पटेल झाबुआ गए, जहां पर उन्होंने जेल में बंद आरोपियों से मुलाकात की। साथ ही भाजपा जिला अध्यक्ष, कलेक्टर और एसपी से भी चर्चा की। यह रिपोर्ट सोमवार को मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को सौंपी गई है।
सूत्रों की मानी जाए तो रिपोर्ट में बताया गया है कि मुहर्रम की रात में 6 लोगों को पुलिस दरवाजा तोड़कर उन्हें बेडरूम से उठाकर ले आई। उन्हें घसीटते हुए मंडी तक ले गई। यहां पर एडीओपी पेटलावद राजेश व्यास और चालीस से अधिक पुलिसकर्मियों ने इन 6 लोगों को घेरकर मारा। सांसद सुभाष पटेल ने जेल में जाकर सभी 6 लोगों से मिले। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस ने पहले रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद इनके साथ बबर्रता पूर्वक मारपीट की।
दोनों अफसरों को तत्काल हटाया जाए
जांच में यह भी पाया कि कलेक्टर और एसपी इस घटना को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। दोनों अफसरों को हटाने की मांग की गई है। दोनों अफसर इस बबर्रता को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों मारपीट की घटना से मना कर रहे हैं। जबकि इसमें एसपी और कलेक्टर की भी गलती है। वे मामले पर तत्काल सक्रिय नहीं हुए।