
मध्यप्रदेश में भी ऐसे 227 पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिनका पता प्रदेश की इंटेलिजेंस ब्यूरो सालों से नहीं लगा पा रही। ये पाकिस्तानी प्रदेश में आए तो थे, लेकिन वापस ही नहीं गए। वैसे गृह मंत्रालय की रिपोर्ट ये भी बताती है कि मध्यप्रदेश में पिछले दस सालों में 1779 पाकिस्तानी नागरिक वीजा खत्म होने के बाद भी ठहरने में कामयाब रहे।
हालांकि पुलिस ने इनमें से ज्यादातर को वापस भेज दिया, लेकिन इन दस सालों व उससे भी पहले 227 पाकिस्तानी नागरिकों को पुलिस अब तक तलाश नहीं पाई। पाकिस्तानी नागरिक दिल्ली, मुंबई और पंजाब में बॉर्डर पर स्थित अटारी के रास्ते वापस पाकिस्तान जाते हैं, लेकिन मप्र पुलिस को जिन 227 पाकिस्तानियों की तलाश है वे पाकिस्तान लौटने के लिए निकले, पर वहां गए नहीं। इसकी पुष्टि दिल्ली, मुंबई और अटारी से पाकिस्तान लौटे लोगों की सूची से होती है।
मप्र पुलिस ने पिछले साल अगस्त में देवास में पकड़ा गया पाकिस्तानी युवक अकबर शाह पिता अब्दुल बारी खान (29) भी शामिल है। वह यहां एक लड़की के घर रूका था और वीजा खत्म होने के बाद भी लौटा नहीं। जनवरी 2016 में बैतूल के भैंसदेही गांव में यमन के शेख खालिद इब्राहिम खादमी को गिरफ्तार किया गया। वो यहां मदरसे में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने महाराष्ट्र से पहुंचा था, जबकि वीजा दिसंबर 2015 में ही खत्म हो गया था।