
दरअसल, यह खामी फेसबुक की 'पैसा बचाओ' नीति के कारण हुई। फेसबुक अपने विज्ञापनदाताओं से तो भारी रकम कमा रही है परंतु ट्रांसलेटर टूल बनाने के लिए उसने काफी सारा पैसा बचा लिया। फेसबुक ट्रांसलेशन एप पर वालेंटियर्स की भर्ती की गई। कोई भी यहां जाकर शब्दों का ट्रांसलेशन जमा कर सकता है। किसी शरारती ने हिंदी टू इंग्लिश में 'मादर....' का मतलब 'मुस्लिम' जमा करा दिया। अब फेसबुक वही बता रहा है।
फिलहाल इस गलती के सामने आने के बाद उसे सुधार लिया गया है परंतु प्रक्रिया अभी भी वही जारी है। कोई भी व्यक्ति फेसबुक ट्रांसलेशन एप पर जाकर किसी भी शब्द का गुडगोबर कर सकता हैं। ट्रांस्लेटर्स के लिए अभी भी कोई डेस्क नहीं बनाई गई है जिसमें विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाए।