
गांव में जाने काे तैयार नहीं टीचर
उन्होंने कहा कि अध्यापकों की नियुक्ति सरकार कर चुकी है लेकिन लोग शहरों में ही रहना चाहते हैं। गांव में जाने के लिए अध्यापक तैयार ही नहीं है इसलिए एक लाख से ज्यादा स्कूलों में सिर्फ एक एक अध्यापक के जरिए ही शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 19.40 लाख शिक्षकों की जरूरत थी और सरकार 15 लाख से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति का काम पूरा कर चुकी है लेकिन इनमें ज्यादातर शिक्षक शहरों में ही रहना चाहते हैं।
अलग शौचालय की भी व्यवस्था नहीं
ग्रामीण क्षेत्रों और खासकर दूर दराज के इलाकों में जाने के लिए कोई तैयार नहीं है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के 4.5 लाख स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। अब कोई भी विद्यालय नहीं है जहां लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं हो। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाने के बारे में विचार किया जा रहा है।