100 सालों से देश की रक्षा कर रहा है इस शहीद का परिवार

Bhopal Samachar
राजू सुथार/जोधपुर | पाकिस्तान की फायरिंग में कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में शहीद हुए राइफलमैन प्रभु सिंह का परिवार 100 से ज्यादा सालों से देश के लिए शहादत दे रहा है। पहली शहादत सन् 1914 में उनके दादा अचल सिंह के दादा भभूत सिंह के बेटे अजीत सिंह ने दी थी। फिर फर्स्ट वर्ल्डवार में अचल सिंह के भाई गुलशन सिंह शहीद हुए थे। तबसे अब तक पांच पीढ़ियों ने देश की सेवा की लेकिन ऐसी दरिंदगी पहले नहीं देखी।

प्रभु सिंह के चाचा कैप्टन हरि सिंह बताते हैं कि हम पीढ़ियों से दुश्मनों से दो-दो हाथ कर रहे हैं, लेकिन ऐसी दरिंदगी कभी नहीं सुनी। इधर, खीरजां खास में उनके घर बुधवार को बड़ी तादाद में पहुंचे लोगों ने परिवार को ढांढस बंधाया। बालेसर और शेरगढ़ परगने में शोक की लहर दौड़ गई। दोनों इलाकों के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में श्रद्धांजलि सभाएं हुई और बाजार बंद रहे।

30 जून को रिलीव हो जाते, लेकिन रिलीवर नहीं पहुंचा
प्रभु सिंह जयपुर यूनिट 13 राजपूताना राइफल्स में तैनात थे। वे 2 साल के टर्नओवर पर थे। उन्हें इस साल 30 जून को रिलीव करने के आर्डर हुए थे, लेकिन रिलीवर के ज्वाइन नहीं करने से वे जम्मू में सेवाएं दे रहे थे। परिजनों ने बताया कि रिलीवर पाकिस्तान सेना के रवैये के कारण जैसलमेर सीमा पर तैनात थे, इस कारण नहीं पहुंचे ऑर्डर तो जून में ही हो गए थे।

पहले चंडीगढ़ फिर जोधपुर भेजा जाएगा शव
प्रभु सिंह का शव बुधवार को श्रीनगर लाया गया। मौसम खराब होने के कारण नहीं आगे नहीं भेजा जा सका। गुरुवार को मौसम साफ हुआ तो शव पहले चंडीगढ़, फिर जोधपुर लाया जाएगा। जोधपुर से सड़क मार्ग या फिर हेलिकॉप्टर से खीरजां खास गांव ले जाया जाएगा। 
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!