सतना। अवैध वाहनों एवं सटोरियों से चौथ वसूली करने वाले टीआई विजय सिंह अपना वसूली वाला वीडियो वायरल होने से इतना बौखला गए उन्होंने 2 टीवी पत्रकारों को घरों से उठाया और आर्म्स एक्ट के फर्जी मामले में फंसाकर बेरहमी से पीटा। इतना ही नहीं दोनों से थाने में अपने जूते भी चटवाए। लेकिन जब पत्रकार बिरादरी एकजुट हुई तो माफिया की दलाली करने वाला टीआई अपने ही थाने से फरार हो गया। गृहमंत्री ने टीआई को सस्पेंड कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
सतना जिले के अमरपाटन में टीआई विजय सिंह नेशनल हाइवे पर वाहनों से अवैध वसूली किया करता था एवं सटोरियों से चौथवसूली बांध रखी थी। टीवी पत्रकार नरेंद्र पटेल एवं जितेन्द्र सोनी ने उसका वीडियो बना लिया एवं चौथ वसूली के तमाम सबूत जमा कर लिए। इससे घबराए टीआई ने फिल्मी अंदाज में पत्रकारों को फंसाने का षडयंत्र रच डाला।
संडे को खुद घर जाकर अवैध पिस्तौल छिपा दी
रविवार रात टीआई विजय सिंह टीवी जर्नलिस्ट नरेंद्र पटेल के घर पहुंचे। वे वसूली करता अपना वीडियो वायरल होने से रोकना चाहते थे। इस दौरान TI ने बड़े प्यार से पटेल के पिता को समझाया। हालांकि पटेल के पिता ने वीडियो वायरल न करने का आश्वासन दिया लेकिन इस बीच TI ने वहां समीप बिस्तर के नीचे अवैध पिस्तौल रख दिया। इसके बाद TI पटेल के दूसरे साथी जितेंद्र सोनी के घर पहुंचे। TI ने उन पर दबाव डाला कि, वो झूठी गवाही दे कि उसने ही पटेल को कट्टा दिलवाया है। जब सोनी ने इसका विरोध किया, तो TI उन्हें धमकी देकर चला गया।
सोमवार को पुलिस टीम लेकर छापा मारने आ गया
सोमवार सुबह करीब 7 बजे टीआई विजय सिंह अपनी पुलिस टीम सिद्धार्थ पटेल, जय प्रकाश कुशवाहा, चंद्र प्रकाश कुशवाहा, बृजेंद्र मिश्रा सहित सात आरक्षकों के साथ नरेंद्र के घर जा धमके। बिना वारंट के उन्होंने घर की तलाशी ली और पहले से ही षड्यंत्रपूर्वक छुपाकर रखे कट्टे को जब्त किया। इसके बाद नरेंद्र को घसीटते हुए थाने तक लाए। इसके बाद जितेंद्र को भी घर से उठवा लिया गया। थाने ले जाकर दोनों की बेहरमी से पिटाई की गई। उनसे अपने जूते चटवाए।
रेप का झूठा मामला बनवाने आदिवासी युवती को बुलवाया
टीआई विजय सिंह ने बर्रेह गांव की एक आदिवासी महिला के जरिये दोनों पर रेप का केस दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन युवती इससे मुकर गई। यह जानकारी पत्रकार बिरादरी तक भी पहुंच गई तो वे बड़ी संख्या में थाने जा धमके। IG आशुतोष राय से बात की गई। इसके बाद प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश धुर्वें को इसकी जानकारी दी गई। सभी पत्रकार पीड़ितों के परिजनों के साथ धरने पर बैठे गए। हंगामा बढ़ते देख टीआई अपने ही थाने से फरार हो गया। दबाव के चलते पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।