
चेम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता और सदस्यों ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि केन्द्र सरकार के नोटबंदी के निर्णय से किराना, कपड़ा, सब्जी, खाद्य-बीज, कीटनाशक दवा व्यापारी परेशान हैं कि अब व्यापार कैसें करें? वजह व्यापारी को पहले उधारी में दिए गए माल के बदले छोटा व्यापारी बंद नोट देकर ही हिसाब करने आता है। व्यापारी यह नोट लेकर भी उन्हें खाते में जमा नहीं कर सकता। यदि बंद नोट नहीं लेगा, तो उसकी पूंजी डूब सकती है, जिससे व्यापारी चिंतित हैं। सरकार को व्यवस्थाओं में बदलाव करने की शीघ्र घोषणा करना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर 50 दिन में व्यापार तहस-नहस हो जाएगा।
नियमों में किया जाए संशोधन
चेम्बर सदस्य हेमराज अग्रवाल, शंकर नाग्देव, युवराज जैन गढ़ावाल, शांतिभाई पटेल, अनूप अग्रवाल ने कहा कि बैंकों से जमा राशि निकालने के नियमों में कुछ संशोधन करके नागरिकों, व्यापारियों को राहत दी जा सकती है। शासकीय नियमों की जानकारी आयकर, वाणिज्यिक कर विभाग को सार्वजनिक कर देना चाहिए। बैंकों में भीड़ होने से व्यापारी को किसी वारदात का शिकार होने का अंदेशा बना रहता है, जिसे सुरक्षा दी जाना चाहिए।
कृषि उपज मंडी बंद
शहर की कृषि उपज मंडी में 5 दिनों से व्यापार नहीं हो रहा है। इन दिनों मटर का सीजन है, लेकिन व्यापारियों के पास यह माल लेकर आए किसानों को नकद रकम देने को नहीं है। दूसरे शहरों के व्यापारी यहां के सब्जी व्यापारी को बंद हुए नोट या चेक देने कहते हैं। जबकि किसान किसी व्यापारी से पुराने नोट या चेक लेने तैयार नहीं रहते, नतीजा कृषि उपज मंडी बंद है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)