नई दिल्ली। बैंक कस्टमर्स ने अगर सेविंग अकाउंट में एक दिन में 50 हजार से ज्यादा और 30 दिसंबर तक 2.5 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा किया तो इसकी रिपोर्ट इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट के पास जाएगी। इसी तरह, करंट अकाउंट में 12.5 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा होने की जानकारी भी डिपार्टमेंट को जाएगी। ऐसे खातों पर भी नजर है, जिनमें एक दिन में 50 हजार रुपए से ज्यादा रकम जमा की जा रही है। सरकार की ओर से देशभर के बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को इस बारे में बुधवार को नोटिफिकेशन भेज दिया गया है।
Q. कितना कैश डिपॉजिट करने पर IT डिपार्टमेंट को जानकारी भेजेंगे बैंक और पोस्ट ऑफिस?
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बैंकों, को-ऑपरेटिव बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वे एक दिन में 50 हजार से ज्यादा, 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 2.5 लाख से ज्यादा के कुल जमा पर जानकारी डिपार्टमेंट को दें।
अगर एक ही कस्टमर के एक या एक से ज्यादा करंट अकाउंट्स हैं, और उनमें 12.5 लाख रुपए या उससे ज्यादा की नगदी जमा होती है, तो भी इसकी जानकारी भी आईटी डिपार्टमेंट को देनी होगी।
बैंक और पोस्ट ऑफिसों को इन लेन-देन की जानकारी 31 जनवरी 2017 या उससे पहले देना है।
उधर, आरबीआई ने भी बुधवार को बैंकों से कहा है कि वह तय करें कि कस्टमर 50 हजार से ज्यादा के डिपॉजिट पर पैन कार्ड की कॉपी जरूर सबमिट करें।
Q. पहले कितना कैश जमा करने पर बैंक आईटी डिपार्टमेंट को जानकारी देते थे?
इससे पहले, आईटी डिपार्टमेंट को तभी रिपोर्ट देने की जरूरत होती थी जब तक कि किसी अकाउंट में नकद जमा की लिमिट एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपए को पार कर ना कर जाए।
माना जा रहा है कि नोट बदलने के लिए तय 50 दिन में बड़ी तादाद में ब्लैकमनी को व्हाइट किया जा सकता है। इसे देखते हुए ही रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने ताजा इंस्ट्रक्शन दिए हैं।
Q. क्या जनधन खातों पर भी नजर है?
आईटी डिपार्टमेंट की जीरो बैलेंस वाले ऐसे जनधन अकाउंट पर भी नजर है, जिनमें अचानक बड़ी रकम जमा हो रही है।
फाइनेंस सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने भी कहा था, ''जनधन खाताधारकों से अपील है कि वे अपने अकाउंट का गलत इस्तेमाल करने से बचें।''
''जनधन में एक बार में डिपॉजिट लिमिट 50 हजार है। कई खातों में अभी तक 49 हजार रुपए जमा हो चुके हैं। ऐसे खातों पर हमारी नजर है।''
Q. आईटी डिपार्टमेंट बड़े कैश डिपॉजिट पर कब से लेगा एक्शन?
ऑफिशियल्स का कहना है कि 30 दिसंबर के बाद डिपार्टमेंट बड़े कैश डिपॉजिट करने वालों के डाटा का मिलान, पिछले सालों में जमा टैक्स रिटर्न से करेगा।
अगर किसी अकाउंट में बड़ी अघोषित रकम जमा हुई है तो उस पर तय की गई पैनल्टी लगाई जाएगी।
सरकार पहले ही बता चुकी है कि अघोषित रकम जमा हुई तो उस पर 30 फीसदी टैक्स, 12 फीसदी इंटरेस्ट और 200 फीसदी पैनल्टी देनी होगी।
टैक्स ऑफिशियल्स का कहना है कि ईमानदार टैक्स पेयर अपनी रकम बैंक में जमा करता है तो उसे परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन टैक्स की चोरी करने वाला आजाद नहीं घूम सकता।
Q. आईटी डिपार्टमेंट को कितना पावर है?
"प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट" के तहत टैक्स डिपार्टमेंट आरबीआई, उसके अंडर में आने वाले बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों समेत किसी भी एजेंसी से कोई भी जानकारी मांग सकता है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री लगातार अखबारों में एडवर्टाइजमेंट दे रही है कि 500-1000 के नोट के रूप में 2.5 लाख रुपए तक जमा करने पर ईमानदार टैक्सपेयर को परेशान नहीं किया जाएगा।
यह भी कहा गया है कि खेती से होने वाली इनकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री है। इसे बैंक में बेहिचक जमा किया जा सकता है।
अफसरों का कहना है कि खेती से होने वाली इनकम का खेती के रकबे से मिलान करके टैक्स डिपार्टमेंट गड़बड़ी पता कर लेगा।
Q. बड़े कैश डिपॉजिट को अगर इनकम बता दें तो क्या होगा?
अरुण जेटली ने बुधवार को राज्यसभा में कहा- लोग अपनी उजागर की गई ब्लैक मनी को एडजस्ट करने के लिए इनकम में इसी फिस्कल ईयर में बड़ा इजाफा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा करके वे कानून से नहीं बच सकते।
जेटली अकाली दल के नेता नरेश गुजराल के उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि चार्टर्ड अकाउंटेंट सलाह दे रहे हैं कि मौजूदा आईटी एक्ट के तहत 30 फीसदी से ज्यादा टैक्स नहीं लिया जा सकता।
जेटली ने कहा, “मेरे हिसाब से गुजराल ये कह रहे हैं कि अगर कोई अपनी जमा रकम को मौजूदा फिस्कल ईयर की इनकम बता दे तो उस पर मौजूदा आईटी एक्ट के तहत ही टैक्स लगेगा। लेकिन पिछले साल की इनकम से अगर मौजूदा साल की इनकम अचानक 5000 फीसदी बढ़ जाती है तो फिर इसे क्या मौजूदा इनकम माना जाना चाहिए या कुछ और?”