7वां वेतनमान: अब कर्मचारी पंचायत से उम्मीदें

Bhopal Samachar
भोपाल। छठवें वेतनमान की विसंगति दूर कराने पर अड़े कर्मचारी अब समर्पण की भूमिका में आ चुके हैं। पिछले तीन दिन में आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिल चुके हैं। वे सातवां वेतनमान जल्द दिलाने की मांग कर रहे हैं। 28 नवंबर को प्रस्तावित कर्मचारी पंचायत भी इसी रणनीति का हिस्सा है। संभावना है कि इसमें सातवें वेतनमान पर फैसला हो सकता है।

सातवें वेतनमान को लेकर कर्मचारी संगठनों में तकरार की स्थिति बन रही है। मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा छठवें वेतनमान की विसंगति दूर कराने को लेकर चार-माह से आंदोलित है। मोर्चा साफ कह चुका है कि विसंगति दूर कराए बगैर सातवां वेतनमान नहीं चाहिए।

संभवत: सभी कर्मचारी संगठन इससे सहमत नहीं हैं। इसलिए मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, मप्र राज्य कर्मचारी संघ, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मप्र लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी मुख्यमंत्री चौहान से मिले हैं।

मुख्यमंत्री ने भी दिया आश्वासन
सातवां वेतनमान और केंद्र के समान महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मांग के निराकरण की मुख्यमंत्री ने उम्मीद बढ़ाई है। सूत्र बताते हैं कि 28 नवंबर को मंत्रालय के सामने प्रस्तावित कर्मचारी पंचायत में मुख्यमंत्री चौहान इसकी घोषणा कर सकते हैं। हालांकि नया वेतनमान कब से दिया जाएगा और कैसे दिया जाएगा। सरकार की इसे लेकर अभी तैयारी नजर नहीं आ रही है।

अलग-थलग पड़ा मोर्चा
मुद्रा की लड़ाई में मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है। मोर्चा के सहयोगी संगठन सातवें वेतनमान की मांग को लेकर मप्र अधिकारी-कर्मचारी अध्यक्षीय मंडल के पाले में दिखाई दे रहे हैं। ज्यादातर संगठनों ने सातवां वेतनमान पहले लेने और बाद में विसंगति दूर कराने के समर्थन में चर्चा शुरू कर दी है।

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