पटना। नोटबंदी के बाद देशभर में लोग बैंकों और एटीएम के बाहर खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। लोग कैश ना मिलने और लगातार लाइन में खड़े रहने से परेशान हैं लेकिन जहां उनकी तकलीफ है वहीं उन्हें राहत देने के लिए बैंककर्मी भी लगातार काम में लगे हैं।
बैंककर्मियों के जज्बे का एहसास इस बात से हो जाता है कि एक महिला बैंककर्मी अपनी सात माह की बेटी को लेकर रोज पूरा दिन काम करते हुए लोगों के नोट बदलती रहती है। मामला बिहार के खगड़िया का है जहां इलाहाबाद बैंक की कर्मचारी कंचन प्रभा हर रोज वक्त पर बैंक आती हैं और उनके साथ उनकी सात माह की बेटी भी होती है।
कंचन जहां एक तरफ देश के लिए अपना फर्ज निभा रही है वहीं दूसरी तरफ मां होने का कर्तव्य भी पूरा कर रही है। कंचन का कहना है कि वर्तमान में खुद को आराम दिए बिना जनता की सेवा बड़ा धर्म है। जब देश परेशान है ऐसे में बैंककर्मियों को भी अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाना चाहिए।
कंचन के इस कदम से सिर्फ बैंक के अन्य कर्मचारी ही नहीं बल्कि उनके ससुराल वाले भी उनकी तारीफ कर रहे। उनके पति प्रभात के अनुसार मुझे मेरी पत्नी पर गर्व है वहीं बैंक शाख प्रबंधक सुमन सिन्हा के अनुसार हमें भी गर्व है कि वो यहां काम करती हैं।