
हादसा नर्मदा नदी पर बने पुल से करीब दो किलोमीटर पहले हुआ. यदि इंजन कुछ दूरी पर बने पुल पर जाकर बेपटरी होता तो कानपुर के बाद एक ही दिन में दूसरा बड़ा रेल हादसा हो सकता था. रेलवे विभाग के अफसरों ने बताया कि सनावद और ओंकारेश्वर के बीच ब्रेक लगाने के दौरान ट्रेन का इंजन पटरी से नीचे उतर गया. घटना के वक्त ट्रेन में 800 से ज्यादा यात्री सवार थे.
इंजन नीचे उतरने की वजह से महू और अकोला के बीच चलने वाली आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इंजन के पटरी से नीचे उतरने की वजह पता करने के लिए रेलवे जांच कर रहा है. रविवार तड़के ही कानपुर के पास इंदौर से पटना जा रही ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 100 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों यात्री गंभीर रूप से घायल हैं.