नई दिल्ली। लोकसभा में नोटबंदी पर जारी हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में इनकम टैक्स संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक में अघोषित आय पर 30 प्रतिशत सेस, 33 प्रतिशत पेनल्टी और 10 प्रतिशत सरचार्ज वसूलने का प्रस्ताव दिया गया है। इस सरचार्ज को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सेस का नाम दिया गया है। वहीं दूसरी ओर अगर व्यक्ति अपनी आय की घोषणा नहीं करता है और पकड़ा जाता है तो उसे 85 प्रतिशत तक कर का भुगतान करना पड़ेगा।
मनी बिल की तरह किया गया पेश
सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) 2016 के नाम से एक आय घोषित करने की योजना पेश की है। ये योजना लोगों को अपने खातों में पैसे जमा करने की मंजूरी प्रदान करेगी, जिसके लिए उन्हें एक अप्रैल, 2017 तक कुल राशि का 50 फीसदी- 30 फीसदी कर, 10 फीसदी जुर्माना तथा कर राशि का 33 फीसदी, जो कि 10 फीसदी होगा, गरीब कल्याण सेस के रूप में चुकाना होगा। इस बिल को मनी बिल की तरह पेश किया गया जिससे राज्यसभा में बिल के पास होने में समस्या नहीं होगी।
25 फीसदी राशि हो जाएगी लॉक
इसके अलावा, इस योजना के तहत, 25 फीसदी राशि चार वर्षों तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा योजना में लॉक रहेगी। इस नई आय घोषणा योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत घोषित कुल राशि घोषणाकर्ता की कुल आय में नहीं शामिल की जाएगी।
अघोषित आय पर आयकर विभाग लगाएगा एक्सट्रा जुर्माना
आयकर की तलाशी के दौरान पाई गई अघोषित आय पर आयकर विभाग नियमित कर के अलावा, 30 फीसदी जुर्माना भी लगाएगा। यह तभी होगा, जब तलाशी लेने वाला अघोषित आय मिलना स्वीकार करता है और यह साबित करता है कि किन परिस्थितियों में अघोषित आय पाई गई। अगर जांचकर्ता ऐसा नहीं करता है, तो कर के अलावा, जुर्माना बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया जाएगा। यानी कुल 90 प्रतिशत टैक्स वसूला जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 8 नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद से बैंकों के पास करीब 6.50 लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।
विशेषज्ञों के सुझाव पर अमल
इस योजना के उद्देश्यों व कारणों के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि यह संशोधन इसलिए लाया गया है, क्योंकि विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है, "लोगों को काले धन को फिर से काला करने का मौका देने के बदले सरकार को भारी जुर्माना लगाकर उन्हें सफेद करने का मौका देना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सरकार को गरीबों के कल्याण से संबंधित कार्य करने के लिए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन साथ ही अघोषित आय वैध तरीके से औपचारिक अर्थव्यवस्था का हो जाएगा।
जानें कितना किस पर लगेगा टैक्स-
अपनी संपत्ति घोषित करने पर उपभोक्ता को अघोषित संपत्ति पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
इसके अलावा 10 प्रतिशत पेनाल्टी भी लगेगी।
वहीं 30 प्रतिशत टैक्स पर 33 प्रतिशत सरचार्ज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण सेस के रूप में अलग से देना होगा (30 प्रतिशत टैक्स का 33 प्रतिशत)।
कुल मिलाकर यह टैक्स और पेनल्टी 50 फीसदी के करीब बैठेगी।
इसके बाद जो 50 फीसदी रकम बचेगी उपभोक्ता उसमें से 25 फीसदी को ही निकाल सकेगा
शेष 25 फीसदी रकम को चार साल के अकाउंट में ही लॉक कर दिया जाएगा। जिस पर शून्य की दर से ब्याज मिलेगा।
पकड़े जाने पर कितना देना होगा टैक्स-
पकड़े जाने पर कुल अघोषित राशि पर 60 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा।
साथ ही 15 प्रतिशत पेनल्टी के रूप में लिया जाएगा।
इस तरह से कुल 75 प्रतिशत टैक्स होगा।
हालांकि, अगर अधिकारी चाहें तो 10 प्रतिशत अलग से अघोषित संपत्ति पर टैक्स लगा सकते हैं। यानि कुल 85 प्रतिशत कर का भुगतान पकड़े जाने पर करना पड़ सकता है।
गौर हो कि इससे पहले रविवार को पीएम ने अचानक कैबिनेट बैठक बुलाकर इनकम टैक्स बिल में सुधारों को मंजूरी दी थी। इसमें अघोषित आय पर 50 फीसदी टैक्स और 4 साल तक 25 फीसदी रकम लॉक-इन करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया था।