नईदिल्ली। नोटबंदी के मामले में भले ही जनता का एक वर्ग मोदी का समर्थन कर रहा हो परंतु वो अपनी ही पार्टी में अलग थलग पड़ गए हैं। लोगों को उनके फैसले से नहीं बल्कि तरीके से एतराज है। कम से कम कैबिनेट को तो भरोसे में लिया जाना चाहिए था। या फिर फैसले के बाद तो मीटिंग बुलानी चाहिए थी। अब संसद में हंगामा हो रहा है तो मोदी को अपने सांसद याद आ रहे हैं।
विपक्ष ने सरकार के खिलाफ एकजुट होकर नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की. सपा के राष्ट्रीय महासचिव नरेश अग्रवाल ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री की संसद में गैरमौजूदगी उनकी तानाशाही को दर्शाता है. वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि पीएम को सदन में बुलाना राष्ट्र विरोधी नहीं है. दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती ने देश में आपातकाल की स्थिति का हवाला देते हुए पीएम से सदन में आने को कहा.
संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी पर मचा घमासान रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. मंगलवार को भी संसद में गतिरोध कायम रहा. सरकार को संसद में घेरने की जुगत में जुटे विपक्ष ने मंगलवार को बैठक के बाद नोटबंदी के विरुद्ध एकजुट होकर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करने की ठानी. वहीं विपक्ष की रणनीति का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के संसदीय दल के साथ बैठक की.
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों को नोटबंदी से जुड़ी जानकारियां दी. साथ ही ये भी तय किया गया कि इस फैसले पर विपक्ष को करारा जवाब कैसे दिया जाए. नोटबंदी पर आए सियासी भूचाल को विपक्ष भुनाने में जुटा है और सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियां गिनवाने में. जनता को हो रही परेशानी का सहारा लेकर विपक्ष लगातार नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है।
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुए पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन विपक्ष के हंगामे और सरकार प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी के चलते संसद का काम ठप्प पड़ा है. सड़कों पर भी विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि विपक्ष बहस के लिए तैयार नहीं है. इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे को लेकर विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने आरोप लगाया था कि विपक्षी सांसद रोज संसद की कार्यवाही को बाधित करने का नया पैंतरा ढ़ूंढ़ लेते हैं।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के विरोध में आम आदमी पार्टी मंगलवार को संसद का घेराव करेगी. आप ने आरोप लगाया है कि सरकार ने यह कदम काले धन को निकालने के लिए नहीं, बल्कि कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में जंतर मंतर से संसद तक मार्च निकाली जाएगी. बताया जा रहा है कि ये मार्च सुबह 11.30 बजे शुरू होगी।