लुधियाना। सोशल मीडिया पर एक जुमला लगातार वायरल हो रहा है। 'जब हमारे जवान सीमा पर घंटों खड़े रहते हैं तो आप क्यों लाइन में लगकर खड़े होने की दुहाई दे रहे हैं'। एक रिटायर्ड फौजी ने इसका करारा जवाब दिया, वो भी तब जब वो खुद एटीएम की लाइन में लगे थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर वाकया लिखा कि, "मैं एटीएम की लंबी लाइन में लगा था। एक अच्छे मुद्दे पर हो रही अव्यवस्था से खिन्न हो गया था।
मेरे पीछे खड़े एक मोदी भक्त ने मुझे प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आप इतने बेचैन क्यों हो रहे हैं। ज़रा सेना के जवानों के बारे में सोचें जो कि सीमा पर बीस घंटे खड़े रहते हैं। मेरे सटीक जवाब ने उसकी सारी देशभक्ति भुला दी और उसके होश ठिकाने आ गए।
मैंने उसे कहा कि मैंने यही सब सीमा पर बीस वर्षों तक किया है। यहां मैं मेरे खाते में से पेंशन निकालने आया हूं। उसे अपनी देशभक्ति यदि दिखाना है तो एटीएम की लाइन में लगकर देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने की बजाय मोदी जी से वन रैंक वन पेंशन और सेंट्रल पे कमीशन दिलवाकर दिखाए।"
सेना के जवान व अधिकारी देश के दुर्गम क्षेत्रों में अत्यंत कष्टदायक चुनौतियों का सामना करते हुए बेहतरीन काम करके दिखाते हैं। लिहाजा, हमारी रोज़मर्रा की कतार को उनकी बारहमासी प्रतिबद्धता के साथ तुलना करके देखना उचित नहीं है।