महिलाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को खींचकर लाईं और...

Bhopal Samachar
रायपुर/कांकेर। जिला लघु वेतन शासकीय कर्मचारी संघ की बैठक में रविवार दोपहर जमकर हंगामा हुआ। जिलाध्यक्ष से नाराज संघ की महिला पदाधिकारियों ने उन्हें ड्रेसिंग रूम से खींचकर बाहर निकाला। गाली-गलौच करते हुए धकेलते हुए प्रदेश अध्यक्ष के सामने लेकर आए। जिलाध्यक्ष को धक्का-मुक्की से बचाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सामने आए तो कर्मचारियों ने उनके सामने ही जिलाध्यक्ष के साथी की पिटाई कर दी। माहौल इतना बिगड़ा की प्रदेश अध्यक्ष व पदाधिकारी को कुर्सी उठाकर हाॅल के अंदर जाना पड़ गया। हॉल के अंदर प्रांताध्यक्ष दोनों पक्षों के कुछ लोगों को समझाने में लगे रहे, वहीं 200-300 कर्मचारी बाहर डेरा जमाए हुए थे। 

कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर ने रविवार को नए कम्युनिटी हाॅल में बैठक रखी। प्रांताध्यक्ष बिंदेश्वर रतवैया भी शामिल हुए। कर्मचारियों ने जिला अध्यक्ष देवाल सिंह नेताम के साथ यादव भवन मेलाभाटा में बैठक रखी थी। प्रांताध्यक्ष के आने की सूचना पर कर्मचारी वहां से कम्युनिटी हाॅल पहुंच गए। यहां कर्मचारियों ने जिलाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर से इस्तीफा मांगते हुए हंगामा शुरू कर दिया। माहौल खराब होता देख कृष्णा ठाकुर बैठक छोड़कर ड्रेसिंग रूम में जाकर छुप गए। हाॅल के बाहर खड़े कर्मचारी जिलाध्यक्ष ठाकुर को बाहर निकालने की जिद करने लगे। इस पर प्रांताध्यक्ष रतवैया बाहर आए और समझाने की कोशिश करने लगे। आक्रोशित कर्मचारी हाॅल में घुसकर जिलाध्यक्ष ठाकुर को खोजने लगे।

चुनाव नहीं, हमारा नेता देवाल सिंह
इधर प्रांताध्यक्ष रतवैया कुर्सी उठाकर हॉल में चले गए और दोनों पक्षों केे कुछ लोगों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने चुनाव होने तक कृष्णा ठाकुर को या किसी अन्य को अध्यक्ष बने रहने और अगले तीन महीने में चुनाव की बात कही। कर्मचारियों ने चुनाव कराने से मना करते हुए साफ कहा कि हमारा नेता देवाल सिंह है और वे बैठक छोड़कर निकल गए।

प्रांताध्यक्ष पर लगाया मिलीभगत का आरोप
संघ की कोयलीबेड़ा अध्यक्ष भूरी मंडावी, दुर्गूकोंदल सचिव गीता कतलाम, कुमारी नाग, चारामा की शारदा कोला व तुलिया सिन्हा, सुरजा नाग, हीरा मंडावी, समिता पोटाई ने कहा कि कृष्णा ठाकुर ने हमें नियमित करने के नाम पर हजारों रुपए वसूले हैं। आज तक हम नियमित नहीं हुए। रकम मांगने पर टालमटोल किया जा रहा है। प्रांताध्यक्ष भी उसका पक्ष लेते हैं, वे उससे मिले हुए हैं।

यह है विवाद और कर्मचारियों की नाराजगी का कारण
2009 में संघ के गठन के साथ कृष्णा ठाकुर को जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया था। 2011-12 में अध्यक्ष ने 517 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से पांच से 25 हजार रुपए नियमित करने के नाम पर वसूले।
2015 तक नियमित नहीं होने के बाद भी रकम नहीं लौटाई। इस दौरान अध्यक्ष ठाकुर युवती के साथ होटल में पकड़ाए। इसके बाद से हटाने की मांग उठी। कर्मचारियों ने कलेक्टर व पुलिस में शिकायत की।
कार्रवाई नहीं होने पर अाक्रोशित कर्मचारियों ने अध्यक्ष के रूप में देवाल सिंह नेताम को चुन लिया। इसके बाद से संघ में दो फाड़ है। बहुमत देवाल सिंह के पक्ष में है, लेकिन जिलाध्यक्ष ठाकुर ही है।
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मैं अध्यक्ष बनना नहीं चाहता था। कर्मचारियों ने ही मुझे चुना है। अब मैं उनके उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश कर रहा हूं। कर्मचारी यदि मुझे नहीं चाहते हैं तो मैं पद छोड़ दूंगा। 
देवाल सिंह नेताम, 
जिला अध्यक्ष लघु वेतन कर्मचारी संघ कांकेर (कर्मचारियों द्वारा मनोनीत)
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प्रांत ने विधिवत मुझे जिलाध्यक्ष चुना है, जिसके बाद से मैं काम कर रहा हूं। देवाल सिंह को सिर्फ आदिम जाति कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने चुना है। अन्य विभाग के कर्मचारी मेरे साथ हैं। प्रांत जैसा कहेगी, वैसा किया जाएगा। 
कृष्णा ठाकुर, जिलाध्यक्ष, 
लघु वेतन कर्मचारी संघ कांकेर ( प्रांत से मनोनीत)
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बिना मौका दिए कृष्णा ठाकुर को अध्यक्ष पद से संभाग ने हटाकर देवाल सिंह को अध्यक्ष बनाया है, जो गलत है। प्रांत ने देवाल सिंह को अध्यक्ष नहीं माना है। कृष्णा ठाकुर अध्यक्ष हैं। कर्मचारियों को नया अध्यक्ष चाहिए, तो चुनाव कराया जाएगा। 
बिंदेश्वरी रतवैया, 
प्रांताध्यक्ष, लघुवेतन कर्मचारी संघ कांकेर

महिला कर्मचारयों ने लगाए कई तरह के आराेप
जिलाध्यक्ष ठाकुर से धक्का-मुक्की व बिगड़ते माहौल को देख प्रांताध्यक्ष रतवैया कर्मचारियों को समझाने लगे। कुछ ने जिलाध्यक्ष का पक्ष लिया।
उन्हें गुस्साए कर्मचारियों ने घेर लिया और पर दलाली का आरोप लगाकर पिटाई कर दी। हाॅल में बैठी दो महिला कर्मचारियों पर भी तरह-तरह के आरोप लगाए जाते रहे।
प्रांताध्यक्ष के सामने जिलाध्यक्ष की गलतियां गिनाने लगीं
हाॅल की तलाशी के बाद कोयलीबेड़ा ब्लाॅक अध्यक्ष भूरी मंडावी ड्रेसिंग रूम पहुंची। यहां छिपे बैठे जिलाध्यक्ष ठाकुर को खींचकर बाहर निकाला।
अन्य महिलाआें के साथ धकेलते हुए प्रांताध्यक्ष के सामने लाकर गलतियां गिनाने लगे। उन्हें पद से हटाकर देवाल सिंह को अध्यक्ष घोषित करने की मांग रखी।

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