नई दिल्ली। विभिन्न शहरों में भाजपा की ओर से जमीन खरीदे जाने को नोटबंदी के फैसले से जोड़ने के कांग्रेस के आरोपों को 'बकवास' करार देते हुए केंद्र में सत्ताधारी पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले साल फैसला किया था कि हर जिले में संगठन कार्यालय हो और उसी फैसले के तहत जमीनें खरीदी गईं.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक बयान में कहा, "यह आरोप लगाना बकवास है कि पार्टी ने नोटबंदी के मद्देनजर संपत्तियां खरीदनी शुरू की . 5 जुलाई 2015 को बेंगलुरु में आयोजित महासंपर्क अभियान में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने देश भर में जमीनी स्तर तक पार्टी कार्यालय होने की जरूरत पर जोर दिया था, क्योंकि हमारी सदस्यता पहले ही 10 करोड़ को पार कर
रही थी."
प्रसाद ने कहा कि विस्तार कार्यक्रम के तहत शाह ने इस काम के लिए धन इकट्ठा करने और पार्टी कार्यालय बनाने का भी आह्वान किया था . उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से भी स्वेच्छा से योगदान करने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि इस फैसले का मूर्त रूप देने के लिए एक केंद्रीय कमेटी और राज्यों में उप-समितियां बनाई गई थीं .
प्रसाद ने कहा, "पार्टी और इसके कार्यकर्ता पिछले 16 महीने से बिना थके हारे काम करते रहे हैं ताकि इसे हासिल किया जा सके. यह कहना हास्यास्पद है कि नियमित और निर्धारित एजेंडे के तहत पार्टी की ओर से की गई एक सामान्य गतिविधि का 8 नवंबर 2016 से प्रभावी नोटबंदी योजना से कोई लेना-देना है."