जर्मनी में शरणार्थियों को स्थानीय महिलाओं के संग पेश आने के तौर-तरीकों का प्रशिक्षण देने के लिए विशेष ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं। इन ट्रेनिंग सेंटर में विभिन्न देशों से आने वाले शरणार्थियों को महिलाओं से प्रेम निवेदन करने से लेकर यौन स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जा रही है। पिछले दो साल में करीब 10 लाख शरणार्थियों ने जर्मनी में शरण ली है।
पिछले साल 8,90,000 लोगों ने जर्मनी में शरण लेने की अर्जी दी थी। जर्मनी में शरण लेने वालों में सबसे ज्यादा संख्या सीरिया, इराक और अफगानिस्तान से आने वालों की है। हालांकि कुछ जर्मन नागरिक करदाताओं के पैसे से शरणार्थियों को फ्लर्ट करने के तरीके सिखाने का विरोध भी कर रहे हैं।
27 वर्षीय होस्ट वेनजेल जर्मनी के अमीर नागरिकों को महिलाओं के संग फ्लर्ट करने के तरीके सिखाते हैं। वेनजेल स्वैच्छिक रूप से युवा शरणार्थियों को फ्लर्टिंग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। वेनजेल के अनुसार जर्मनी आने वाले ज्यादातर शरणार्थी मुस्लिम हैं। वो अलग अलग देशों और संस्कृतियों से आए हैं। वेनजेल ने समाचार एजेंसी एपी से कहा, “रिश्ते बनाना किसी को समाज में शामिल करने का सबसे बेहतर तरीका है इसीलिए मैं इस कार्यक्रम में शामिल हुआ हूं।” वेनजेन ने पिछले हफ्ते डॉर्टमंड शहर में 11 शरणार्थी युवकों को “जर्मनी में प्यार कैसे करें” का प्रशिक्षण दिया।
वेनजेल शरणार्थियों को बताते हैं कि जर्मन महिलाओं से संबंध विकसित करने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए। एक क्लास में उन्होंने शरणार्थियों को समझाया, “मुलाकात के पहले तीन महीने तक आप किसी जर्मन महिला से आई लव यू न कहें, वरना वो भाग जाएगी।” वेनजेल की क्लास में शामिल शरणार्थी मानते हैं कि उन्हें इससे काफी मदद मिलेगी।
सीरिया से आए 24 वर्षीय शरणार्थी उमर मोहम्मद कहते हैं, “अगर आप स्थानीय भाषा नहीं जानते तो किसी लड़की से मिलना और बात करना बहुत ही मुश्किल है। धार्मिक और सांस्कृतिक अंतर के अलावा भी कई चीजें यहां अलग है। हमारे अपने देश में इतनी आजादी नहीं है।” फिर भी उमर जर्मन महिला से शादी करना चाहते हैं। वो कहते हैं, “वो मेरी जर्मन भाषा सीखने में भी मदद कर सकती है। यहां के भूगोल और कानून से भी वो मेरा बेहतर परिचय करा सकती है।”
कई जर्मन महिलाओं को भी शरणार्थियों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण उचित लग रहा है। एक प्रशिक्षण केंद्र के बाहर खड़ी जैस्मिन ओलब्रिच को पश्चिम एशिया नैन-नक्श पसंद हैं। वो कहती हैं कि जर्मन पुरुष “बहुत ज्यादा बीयर पीते हैं, बहुत ज्यादा फुटबॉल देखते हैं और बहुत ज्यादा सफेद होते हैं।” हालांकि जर्मनी में शरणार्थियों का विरोध भी हो रहा है। जर्मनी में पिछले साल कोलोन में नए साल पर दर्जनों महिलाओं से संग शरणार्थियों द्वारा छेड़खानी और लूटपाट का मामला सामने आया था। शरणार्थियों पर हिंसक हमले और भेदभाव के मामले पिछले कुछ सालों में सामने आए हैं।