
रविवार को इलाहाबाद के केपी कॉलेज मैदान में अपनी पार्टी की सभा को संबांधित करने आए केन्द्रीय मंत्री सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद आध्यात्मिक नगरी के साथ राजनीति का भी गढ़ है। इसलिए उत्तर प्रदेश में पार्टी सभा की शुरुआत इस शहर से कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के गठबंधन से आरपीआई ए प्रदेश में 25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व कलराज मिश्र से बातचीत हो चुकी है। सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात यह प्रस्ताव रखेंगे। अगर भाजपा से गठबंधन नही हुआ तो उनकी पार्टी दो सौ सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करेंगी। इससे भी भाजपा को फायदा होगा। दलित व आदिवासी वोट बंटेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दलित वोट बैंक पर बसपा ने कब्जा कर रखा था। लेकिन लोकसभा चुनाव में इस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली।
दलितों का मोह भी मायावती से भंग हो रहा है। बसपा के तमाम लोग आरपीआईए में शामिल हो रहे हैं। चौधरी चरण के मुख्यमंत्रित्व काल में आरपीआई के चार विधायक मंत्री भी बने थे। बाद में कांशीराम ने मुहिम चलाकर दलितों को बसपा से जोड़ा लेकिन मुख्यमंत्री बनने के लिए मायावती को तीन बार भाजपा से हाथ मिलाना पड़ा। आरपीआई ए भी अब भाजपा की गोद में बैठी है। इसलिए बसपा सुप्रीमो कोई टिप्पणी नहीं कर सकतीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालाधन बाहर निकालने के लिए बड़े नोटों पर पाबंदी लगाई है। यह देश हित में है। इससे कुछ दिन लोगों को परेशानी रहेगी। इसके बाद उन्होंने केपी कॉलेज मैदान में सभा को संबोधित किया। कई लोगों को पार्टी में शामिल कराया। सभा को पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. आरआर मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण, प्रदेश उपाध्यक्ष राजा बख्श्, इलाहाबाद के जिलाध्यक्ष सुधीर सिंह, जेपी मिश्र व बालेश्वर सहित कई लोगों ने भी संबोधित किया। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)