रतलाम। नोट बदलने के लिए एक युवक इतनी स्पीड से दौड़ा की उसका हार्टफेल हो गया। युवक दौड़ते दौड़ते गिर गया और उसकी मौत हो गई। इस मामले ने एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया कि नोटबंदी के बाद लोग कितना प्रेशर में हैं और बैंक कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में किस तरह लोगों को डराने का काम कर रहे हैं। यदि युवक को यह सांत्वना दे दी जाती कि उसके नोट हर हाल में बदल जाएंगे। उसे तनाव लेने की जरूरत नहीं है तो शायद युवक जिंदा होता।
मामला जिले के ताल कस्बे का है। यहां 500-500 रुपए के नोट बदलने के लिए संजय प्रजापत नाम का युवक अपने पिता के साथ सुबह 10 बजे से सेंट्रल बैंक के बाहर कतार में लगा था। संजय का करीब तीन घंटे बाद उसका नंबर आया तो बैंककर्मियों ने नोट बदलने के लिए परिचय पत्र मांगा। संजय के पास उसका आईडी नहीं था। बैंककर्मी ने उसे जल्दी से आईडी लाने को कहा, साथ ही चेतावनी दी कि यदि वो फटाफट वापस ना आया तो लाइन में फिर से लगना पड़ेगा। संजय हड़बड़ाहट में घर की तरफ भागा, जहां वह बेहोश होकर गिर पड़ा।
परिजन और पड़ोसी उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दियां संजय की मौत से पूरा परिवार बेहद गमजदा है। वह अपने परिवार का इकलौता बेटा था। संजय की मौत की सूचना मिलने पर प्रशासन और बैंक के आला अफसर उसके घर पहुंच गए. नायब तहसीलदार रामविलास वक्तरिया ने बताया कि, प्रशासन की तरफ से संजय के परिजन को यथासंभव की मदद दी जाएगी। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)